
कविता --डॉ एम डी सिंह
- एबी न्यूज, संवाददाता
- Nov 30, 2020
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सुबह-सुबह चाय की महक तो आए
फिर भींगे बालों की गमक तो आए
वही नजर आऊंगा पुराना आशिक
चूड़ियों की कान में खनक तो आए
झट उठ कर बैठ ना जाऊं तो कहना
जगाने पाजेब की झनक तो आए
टटोलते हर कोना फिर दिखें नजरें
मदभरे निगाहों की सनक तो आए
ठहाके फिर दौड़ पड़ें पीछे तेरे
पटक रहे पाँवों की धमक तोआए
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