श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दलालों के द्वारा करा रहे गरीबों से अवैध वसूली

दुर्गावती (कैमूर) ।। श्रम प्रवर्तन विभाग के द्वारा गरीब मजदूरों को अनुदान की राशि प्रत्येक वर्ष  दिया जाता है और उक्त राशि देने के नाम पर गरीब मजदूरों से श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के दलाल मोटी रकम की अवैध वसूली पिछले 10 सालों से करते आ रहे हैं। श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के द्वारा प्राइवेट दलालों को रखकर गरीब मजदूरों का खून चूसने का काम किया जा रहा है। और कभी दुर्गावती तो कभी मोहनिया तो कभी खजुरा पंचायत में मीटिंग करा कर रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर 11 सौ रुपए की वसूली किया जाता है जिसका वीडियो वायरल हो चुका है जबकि रजिस्ट्रेशन शुल्क मात्र ₹50 निर्धारित है। बताते चलें कि बिहार भवन एवं संनिर्माण कर्मकार योजना की राशि गरीब मजदूरों के बीच बांटने का प्रलोभन देकर निस्सहाय गरीब लोगों से अवैध रुपए की वसूली किया जाता है और वही कुछ गरीब अपने घर का गेहूं और चावल बेचकर उक्त राशि के लालच में दलालों को पैसा देते हैं। क्या कहते हैं गरीब मजदूर संतोष राम सुमंत कुमार फूला देवी अंजनी देवी सावित्री कुंवर आदि मजदूरों ने बताया कि श्रम अनुदान की राशि सन 2015 में प्रत्येक मजदूरों को पंद्रह हजार के हिसाब से मजदूरों के खाता में भेजा गया था और उक्त राशि देने के नाम पर दो हजार रूपए गरीब मजदूरों से श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के दलाल मुन्ना गुप्ता पिता स्वर्गीय झिल्लू साह मोहनिया निवासी के द्वारा अवैध वसूली किया गया है और कुछ लोगों का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट एवं मजदूर लेबर कार्ड को ही गायब कर दिया गया है और दलालों के द्वारा मजदूरों से पैसा लेने के बाद भी मजदूरों के खाते में अब तक एक भी राशि नहीं आया है और जो व्यक्ति इसका विरोध करने की हिमाकत करता है तो लेबर इंस्पेक्टर एवं उनके दलालों के द्वारा धमकाया जाता है कि श्रम अनुदान की राशि तुम लोगों को नहीं दिया जाएगा और रजिस्ट्रेशन से नाम काट कर हटा दिया जाएगा इसलिए इन श्रम पदाधिकारी एवं उनके दलाल लोगों के खिलाफ कोई गरीब मजदूर तबके के लोग आवाज उठाने से डर जाते हैं। मजदूरों ने बताया कि रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ₹2000 दिया गया था उसके बाद रिनुअल ऑनलाइन कराने के लिए प्रति मजदूरों से  आठ . आठ सौ रुपए  की अवैध वसूली इन दलालों के द्वारा की गई है। मजदूरों को गुमराह करके उनके  खाता में योजना की राशि भेजने के लिए प्रति मजदूरों से 11 सौ रुपए की अवैध वसूली किया गया है। उसके बाद कुछ लोगों के खाते में पैसा तो आया लेकिन कुछ लोगों के खाते में पैसा अभी तक नहीं आया है जिससे कुछ लोगों में आक्रोश व्याप्त है। खास बात तो यह है कि श्रम प्रवर्तन विभाग के द्वारा गरीब मजदूरों का पैसा  वैसे लोगों के खाते में भेजा जा चुका है जो कि मारुति कार से चलते हैं और खेतिहर किसान है अगर इसकी जांच किया जाए तो हकीकत में भ्रष्टाचार उजागर आईना की तरह हो जाएगा। संवाददाता ने जब लेबर इंस्पेक्टर से बात करना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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