
आया पतझड़
- एबी न्यूज, डेस्क संवाददाता
- Jan 26, 2021
- 771 views
जाते शिशिर आते बसंत का
दिख रहा आता संदेशू
हिल रहे मुरझाए पीत पर्ण
वृक्षों में हलचल जागी
आया पतझड़
शीत आखिरी जोर लगाता
पश्चिमी हवाओं को उकसाता
श्वेत चादर उढ़ा पृथ्वी को
पथ पथिक दोनों को भरमाता
थक हार जाने को है
आया पतझड़
गेहूं सरसों चना मटर ने
अलसी लतरी और रहर ने
चादर बिछा धरती पर हरा
तरुवरों को हांक लगाया
उठो-उठो जागो तुम सब भी
धुलने धूल धूसरित पीत पात को
आया पतझड़
भरभूजन की आंखें चमकीं
भरभूजे की नजरें पेड़ों पर अटकीं
खरहरा खांचा और भरसायं को
फिर जगाने का अवसर आया
पक्षियां ले रहीं अंगड़ाई छोड़ घोंसले
गिलहरी भी ठंड को दिखा रही अकड़
आया पतझड़
.................. डॉ एम डी सिंह
रिपोर्टर