संसार में जो व्यक्ति जितना जल्दी सावधान हो जाए, वहीं सैयमी पुरूष है-पुंडरीक जी महाराज

नुआंव, कैमूर से प्राची सिंह की रिपोर्ट

जिसकी सारी इक्षा भगवान के चरणों में समर्पित हो, और जो व्यक्ति जितना जल्दी सावधान हो जाए वहीं संसार का सबसे बड़ा सैयमी पुरुष है। उक्त कथा महंगू ब्रम्ह परिसर नईकोट में आयोजित भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान श्री पुंडरीक जी महाराज ने भागवत कथा के दौरान उन्होंने कहा कि जिस जीवन में परमात्मा की परीक्षा हो, वहीँ परीक्षित है। अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना ही जीवन का महत्वपूर्ण सूत्र है। सम्पूर्ण श्रष्टि भगवान का शरीर है। कथा की व्यख्या करते हुए कहा कि सुखदेव जी महाराज से भागवत कथा सुनाते समय परीक्षित से कहा कि भगवान की नाभि दे कमल की उत्पत्ति हुई। और मानवीय श्रष्टि का विस्तार मनु और सतरूपा से हुआ। मानव जीवन बहुत भाग्य से मिलता है। इसलिए जीवन मे किये गए पापों का नाश करने के लिए भगवान का स्मरण और सन्त का दर्शन ही पापों का नाश करता है। और मनुष्य को भगवत प्रेम जागृत होता है।

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