कानून को ताख पर रख कर प्रधान के परिजनों को दे दिया आवासीय पट्टा

लेखपाल और ग्राम प्रधान की मिलीभगत का मामला पहुंचा सीएम के दरबार


अमानीगंज, अयोध्या ।। मिल्कीपुर तहसील के राजस्व गांव बकचुना में नियम कानून को ताख पर रखकर राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी करते हुए अपने सगे संबंधियों को लाभ देने वाले ग्राम प्रधान और उनके इस कार्य में सहयोग करने वाले राजस्व लेखपाल व राजस्व निरीक्षक की करतूतों की शिकायत मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंच गई है।

 बताते चलें कि मिल्कीपुर तहसील के राजस्व गांव बकचुना में आवासीय पट्टे के लिए अवैध रूप से वसूले गए धन की शिकायत ग्राम वासियों ने पूर्व में उप जिलाधिकारी मिल्कीपुर से की थी। जिसमें अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस बीच ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता उमेश तिवारी और उनके 75 वर्षीय सेवानिवृत्त तहसीलदार पिता के ऊपर लेखपाल ज्ञान प्रकाश दुबे ने सरकारी कार्य में बाधा और धमकी का मुकदमा खण्डासा थाने में दस दिन पूर्व दर्ज करा दिया था। जिसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री से की है।

 शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ग्राम प्रधान राजेश यादव क्षेत्रीय लेखपाल लेखपाल ज्ञान प्रकाश दुबे द्वारा ग्राम सभा में सांठगांठ करके अपात्र लाभार्थियों से मोटी रकम लेकर नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए राजस्व संहिता की धारा 67 ए का लाभ दे दिया गया। उच्चाधिकारियों को मिथ्या रिपोर्ट द्वारा गुमराह किया जाता रहा। गाटा संख्या 1580 पुरानी गाटा संख्या 1033 है। वर्तमान ग्राम प्रधान राजेश यादव के पिता राम बक्स पुत्र रामसेवक यादव के नाम आधार पर खतौनी में दर्ज थी। जिसका मूल्यांकन लेकर दौरान चकबंदी अन्यत्र चक ले लिया गया और वर्ष 2017  में ही यहीं पर जमीन सामान्य आबादी के लिए सुरक्षित कर दी गई। जिसको अभिलेखों में हेराफेरी करते हुए अपने सगे भाइयों की पत्नी चिमना देवी पत्नी राम कुमार यादव व शिवकुमारी पत्नी कृष्ण कुमार यादव को धारा 67 ए का लाभ सुनियोजित तरीके से देते हुए आवासीय पट्टा कर दिया गया। जबकि बकचुना गांव की चकबंदी 2017 तक चलती रही और गाटा संख्या 1580 दौरान चकबंदी सामान्य आबादी है।

राजस्व विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार 2012 से मकान बनाकर निवास का कोई औचित्य नहीं बनता है। शासनादेश के अनुसार 2012 तक के कब्जेदार को ही 67 ए का लाभ देकर आवासीय पट्टा प्रदान किया जा सकता है। बताते चलें कि ग्राम पंचायत बकचुना में ग्राम प्रधान के सगे भाइयों की पत्नियों को दिया गया यह पट्टा जहां एक ओर अनैतिक है, वहीं कानून की कसौटी पर यह किसी भी कीमत पर खरा नहीं उतरता। राजस्व संहिता के अनुसार 2012 तक सरकारी जमीनों पर घर बनाकर रह रहे लोगों को ही 67 ए का लाभ दिया जा सकता है। जबकि ग्राम पंचायत बकचुना में 2017 तक चकबंदी प्रक्रिया संचालित रही और उसका अंतिम प्रकाशन धारा 52 का 2018 में किया गया तब यह पट्टा पूर्ण रूप से अवैध ही माना जाना चाहिए। इसी प्रकार ग्राम पंचायत बकचुना में गाटा संख्या 1102 भाग 1103 में एक ही परिवार के चार लोगों को भी 67 का लाभ देते हुए आवासीय जमीन का पट्टा दिया गया है। जिनके पास पहले से ही ट्रैक्टर पक्के घर राइस मिल, किराना स्टोर, इंडस्ट्रियल कारखाना आदि उपलब्ध है और यह परिवार किसी तरह से पात्रता की सूची में नहीं आते हैं।

 गांव के अनंतराम संतराम पुत्र गण रामबचन की दो बहुओं को इसका लाभ दिया गया है जो ग्राम प्रधान राजेश यादव के रिश्तेदार व सगे संबंधी हैं। शिकायतकर्ता उमेश तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में मजिस्ट्रेट से जांच करा कर दोषी कर्मचारियों व ग्राम प्रधान के विरुद्ध विधि सम्मत आवश्यक कार्यवाही की मांग की है।

रिपोर्टर

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