आपदा को अवसर में बदलने की फिराक में अयोध्या के बड़े जमाखोर किराना व्यवसाई

कोरोना काल में परेशान लोगों से सड़ा गला माल बेचकर अधिक मुनाफा कमाने की फिराक में लगे जमाखोर व्यापारी ...


तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर जबरदस्त चल रही है लूट ...


अयोध्या ।। जनपद में कोरोना संक्रमण काल की आपदा को बड़े किराना व्यापारी अवसर बनाकर लोगों को लूटने की जुगत में है। विगत वर्ष के लॉकडाउन को याद करते व्यवसाई पहले से ही सजग हो गए। दुकान के अलावा अलग-अलग स्थानों पर व्यापारियों के गोदामों में दैनिक प्रयोग होने वाले सामानों की जमाखोरी शुरू हो चुकी है। आलम यह है दैनिक प्रयोग होने वाली किराना की सभी वस्तुओं पर लगभग रेट बढ़ने लगे। तंबाकू उत्पाद तथा गुटका बीड़ी पैकेट के ऊपर तो 20 से ₹25 तक की बढ़ोतरी हो गई है। यह मामला किसी एक बाजार का नहीं बल्कि पूरे जनपद के लगभग सभी बड़ी बाजारों के बड़े किराना व्यापारियों के यही हालात है।

बताते चलें कि बीते वर्ष मार्च माह में कोरोनावायरस ने पांव पसारना शुरू किया था। तब खाद्य पदार्थों और दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य सामानों की आपूर्ति प्रभावित हो गई थी। जिसका बखूबी लाभ बीकापुर ,खजुराहट ,हैरिंग्टनगंज ,शाहगंज ,मिल्कीपुर, तारुन ,भदरसा, जलालपुरमाफी ,सोहावल ,पटरंगा ,रुदौली भेलसर, मवई, पूरा ,माया ,गोसाईगंज ,कुमारगंज, मिल्कीपुर सहित जनपद के बड़े व्यापारियों ने खूब उठाया था। तब ₹5 का गुटका ₹15 में बिका था चूने के साथ बैठकर खाने वाली तंबाकू भी 3 गुना अधिक मूल्य पर बिक रही थी। सिगरेट के दाम तो दोगुने से अधिक हो गए थे। पिछले लॉकडाउन में हुई मोटी कमाई को व्यापारी भूले नहीं है। अब जब इस बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा और साप्ताहिक लॉक डाउन की घोषणा हुई तो पूर्ण लॉकडाउन की संभावना जमाखोरों को दिखने लगी। फिर क्या व्यापारियों ने माल की कमी बताते हुए मोटे मुनाफे का रास्ता खोजने लगे। विगत दो साप्ताहिक बंदी से ही तंबाकू उत्पादों के दामों में मनमानी बढ़ोतरी कर दी है। छोटे दुकानदारों की मानें तो उन्हें थोक व्यवसायियों द्वारा काफी महंगा सामान दिया जा रहा है जिसमें अपना मुनाफा जोड़कर वह लोग बेच रहे हैं।

खाद्य पदार्थों के दामों में पहले से ही तेजी थी जमाखोरी और पुराने और सड़े गले सामानों की मनमाने ढंग से दाम बढ़ा कर उपभोक्ताओं से वसूली करने के चलते समस्या बहुत गंभीर हो गई है। खाद्य विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं की समस्या से लापरवाह बने हुए हैं दुकानों पर छापेमारी का अभियान बिल्कुल बंद पड़ा हुआ है। वही बड़े जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी मौन साधे हुए हैं और अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं। वहीं कई जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि अभी तक ऐसी कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है अगर ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है और लिखित शिकायत मिलती है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

जनपद के लगभग सभी प्रमुख समाचार पत्रों और समाचार पोर्टल तथा सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार इस आशय की खबरें प्रकाशित की जा रही हैं अब देखना यह है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी कब इस गंभीर समस्या का संज्ञान लेते हैं और कोरोना संक्रमण के इस दौर में आम जनमानस को बड़े किराना व्यवसायियों द्वारा इस मनमानी लूट से निजात मिल पाती है।

रिपोर्टर

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