आंगनवाड़ी केन्द्रों में नामांकित बच्चों व अभिभावकों को हाथों की सफाई पर दी जा रही जानकारी

बक्सर ।। बारिश के मौसम में डायरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जाती है। डायरिया के कारण बच्चों और वयस्कों में अत्यधिक निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन)होने से समस्याएं बढ़ जाती हैं एवं कुशल प्रबंधन के अभाव में यह जानलेवा भी हो जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग, आरबीएसके (राष्ट्रीय बल स्वास्थ्य कार्यक्रम) व आईसीडीएस विभाग के द्वारा संक्रमण काल में भी जागरूकता फैलाई जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार हाथों की नियमित सफाई से डायरिया के मरीजों की संख्या में एक तिहाई तक कमी लायी जा सकती है। हाथों की सफाई में जागरूकता आने से डायरिया प्रबंधन में मदद मिलती है तथा बच्चों की  सेहत में सुधार होता है। इससे डायरिया की रोकथाम के साथ अन्य कई प्रकार की संक्रामक रोगों से भी बचाव होता है। जिसके तहत लोगों में स्वच्छता के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि, छोटे-छोटे बच्चों के साथ साथ अभिभावकों को भी डायरिया से बचाव के गुर सिखाया जा सके।

गृह भ्रमण के दौरान हाथों की स्वच्छता की दी जाती है जानकारी :

डुमरांव प्रखंड के पासवान टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 47 की सेविका लीलावती देवी ने बताया, संक्रमण काल में भी वह घर घर जाकर केंद्र में नामांकित बच्चों तथा उनके अभिभावकों को  नियमपूर्वक हाथों की स्वच्छता के बारे में जागरूक करती  तथा हाथ धोने के सही तरीके के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताती हैं। बच्चों को प्रतिदिन भोजन के पहले व भोजन के उपरान्त नियमपूर्वक हाथ धुलवाती है । बच्चों के अभिभावकों को केंद्र में होने वाले हर कार्यक्रम में वो हाथों की स्वच्छता के बारे में बताती हैं। साथ ही छोटे बच्चों को खाना खिलाने से पहले अभिभावकों को हाथ धोने के बारे में भी जानकारी देती हैं।

कैसे करें हाथों की सफाई : 

किसी भी साबुन अथवा राख से हाथ को स्वच्छ किया जा सकता है। कलाई के साथ उसके नीचे हाथों की पूरी सफाई जरूरी है। हथेलियों, उंगलियों व उनके बीच की सफाई, हाथों के पीछे की सफाई तथा नाखूनों की सफाई नितांत आवश्यक है।नाखूनों को छोटा व साफ़ रखना भी इसका जरूरी हिस्सा है। हाथों को धोने के बाद स्वतः  सूखने दें क्यूंकि किसी भी रुमाल, तौलिये अथवा किसी अन्य कपड़े में गन्दगी से संक्रमण हो सकता है।

इन अवसरों पर हाथों की स्वच्छता आवश्यक :

- भोजन पकाने  तथा खाने के पहले

- शौच के उपरान्त

- घर की साफ़ सफाई के बाद

- जानवरों अथवा पालतू पशु  के  संपर्क में आने के बाद

- बाहर से घर आने के बाद

- खांसने, छींकने अथवा शरीर की किसी भी तरह की सफाई के बाद

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