धान की खडी फसलों को तहस - नहस कर रहे आवारा पशुओं के झुण्ड

भुखमरी के कगार पर पहुंच रहे किसानों के परिवार ...


अमानीगंज, अयोध्या ।। न्याय पंचायत स्तर पर संचालित गौशालाएं अपनी उपयोगिता नहीं दर्शा पा रही हैं जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। छुट्टा जानवरों को पकड़वाने की जिम्मेदारी उठाने वाले अधिकारीयों की कुंभकर्णी निद्रा भंग न होने से किसानों को विवश होकर रात्रि में अपने खेतों की रखवाली करने पर विवश होना पड़ रहा है।भारतीय कृषि मानसून का जुआ है यह बातें गत दिनों हुए भीषण बरसात ने चरितार्थ तो कर ही दिया। चार दिनों तक रूक-रूक कर हुई वर्षा से पककर तैयार हुई सैकड़ों बीघा धान की फसल गिर गई और गन्ना समेत अन्य फसलें भी प्रभावित हुई। किसान फसलों को बचाने में जद्दोजहद करके किसी तरह आधा अधूरा तो बचाया किन्तु जो बची है उसे अब छुट्टा पशु क्षति पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं, हालांकि ऐसे पशुओं को पकड़वा कर गौशाला में रखवाने की जिम्मेदारी सम्बंधित बिभाग व  वीडीओ की है किन्तु ऐसा कम ही हो रहा है। खंड विकास अधिकारी की कृपा दृष्टि के चलते कोई इनको पकड़वानें में रूचि नहीं दिखा रहे है जिसका जीजा जागता उदाहरण  अमानीगंज विकास खंड के मोहली कोटिया अमावासूफी रायपटटी गहनाग घटौली आदि गांवों में देखने को मिला। दर्जनभर  सेअधिक की संख्या में एक किसान के खेत में जुटे छुट्टा पशु न केवल अपनी भूख मिटा रहे हैं बल्कि तैयार हुई धान की फसल में दौड़कर उसे पूरी तरह से नष्ठ करने में जुट गए हैं।

 मोहली निवासी किसान सुधाकर सिंह की  फसल जहां सांड तबाह कर  चुके है तो वहीं  दूसरी ओर कोटिया गांव के रहने रहनेवाले गंगा यादव की फसल समाप्त करने से परिवार को खाने के लिए अब बजार से धान खरीद करना होगा। रामनगर अमावा सूफी निवासी किसान गिरजा प्रसाद शुक्ल की तीन बीघा धान की फसल सांडो का चारा बन गया है ।

रात रात भर जाग कर खेतों की रखवाली करना किसानों के लिए आम बात बन गई है उसके बाद भी अतिवृष्टि के कारण खेतों के किनारे लगाई गई वल्लियों को सांड झटके में उखाड़ दे रहे हैं और पूरे के पूरे  पशु खेतों में घुसकर खड़ी फसल तबाह कर दे रहे हैं किसानों का कहना है कि

सरकार एक तरफ जहां छुट्टा पशुओं की व्यवस्था करने में फेल हो गई है वहीं अब सरकार को साडों से तबाह हुई फसल की जांच करवा कर क्षति का आकलन करते हुए पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाया चाहिएं तमाम परिवारों के पास  धान की पूरी फसल  को तबाह कर दिये जाने से  परिवार के लिए अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है ।

रिपोर्टर

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