रामनगर में होने वाली विश्व प्रसिद्ध रामलीला बुधवार को स्थगित कर दी गई

 वाराणसी:  उत्तरप्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में गंगा के उस पार रामनगर में होने वाली विश्व प्रसिद्ध रामलीला बुधवार को स्थगित कर दी गई।  मुख्य स्वरूपों के बीमार होने के कारण यह फैसला लिया गया।  शत्रुध्न बने अंश झा और लक्ष्मण बने पात्र शशांक व्यास को डायरिया की चपेट में आने से लाल बहादुर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

उधर, राम बने पात्र की भी तबियत खराब है। इससे बुधवार को लीला स्थगित कर दी गई। रात साढ़े आठ बजे आरती कर लीला का समापन किया गया। वैसे रामलीला के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ जब दो पात्रों के बीमार होने के कारण लीला स्थगित करनी पड़ी। बरसात के कारण तो कई बार लीला स्थगित हो चुकी है।बीमार हुए पात्र मलहिया टोला स्थित धर्मशाला में रहते हैं। यहां डायरिया फैली हुई है। मुख्य पात्रों को भी सरकारी नलों का पानी पिलाया जाता है। दूषित पानी से डायरिया फैली है। बता दें कि रामनगर में दो सौ साल पुरानी रामलीला में आज भी प्राचीन परंपराओं का पालन होता है। 

 21वीं सदी में भी बनारस में कई पुरानी परम्पराएं मौजूद हैं और इन्हीं में से एक है रामनगर की मशहूर रामलीला। काशी के दक्षिण में गंगा के किनारे मौजूद 'उपकाशी' को ही रामनगर कहा जाता है। 233 साल पुरानी रामनगर की रामलीला पेट्रोमेक्स और मशाल की रोशनी में अपनी आवाज़ के दम पर होती है।

बीच-बीच में ख़ास घटनाओं के वक्त आतिशबाजी जरूर देखने को मिलती है। न तो बिजली की रोशनी और न ही लाउडस्पीकर। साधारण सा मंच और खुला आसमान, यही है इस रामलीला की पहचान। रावण जन्म के ताश ही इस लीला का मंचन बीते रविवार को शुरू हुआ यह धार्मिक आयोजन एक माह तक चलेगा।

रिपोर्टर

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