
सरदार वल्लभ भाई पटेल का 146 वा जन्मदिवस मनाया गया
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Nov 01, 2021
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ब्यूरो आशुतोष कुमार सिंह
रामगढ़ कैमूर ।। उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय कालानी रामगढ़ कैमूर में राष्ट्रीय एकता दिवस पर भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 146 वा जन्मदिवस मनाया गया, इस कार्यक्रम को उपेन्द्र राम की अध्यक्षता में आयोजित किया गया जिसमें शिक्षक रजत पांडेय द्वारा बच्चो को लौह पुरुष सरदार पटेल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बच्चो को एक भारत श्रेष्ठ भारत पटेल जी के सपने को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प होकर शपथ दिलाया गया, इस कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधक समिती के सदस्य जयचंद्र कुशवाहा व इनके अलावा विद्यालय की शिक्षिका प्रतिमा कुमारी, पंकज कुमार गजेंद्र मौर्य तथा विद्यालय के बच्चो ने भाग लिया।वही पर बच्चो को उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे थे। इस दौरान आजादी की लड़ाई जोर पकड़ रही तो पटेल भी महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में कुद पड़े।
स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष में था। उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्त्व भी किया। लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में मिलाकर एक भारत राष्ट्र का निर्माण कराया। महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी। गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर (597 फीट) ऊंची लौह प्रतिमा (स्टैचू ऑफ यूनिटी) का निर्माण किया गया। यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसे 31 अक्टूबर 2018 को देश को समर्पित किया गया। अमेरिका की स्टेचू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई केवल 93 मीटर है।
यह सरदार पटेल का ही विजन था कि भारतीय प्रशासनिक सेवाएं देश को एक रखने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर कापी जोर दिया। उन्होंने सिविल सेवाओं को स्टील फ्रेम कहा था। बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की थी। किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे। इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
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