
आस्था के प्रवाह से घिरी रही अयोध्या
- देवराज मिश्र, ब्यूरो चीफ अयोध्या
- Nov 13, 2021
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अयोध्या ।। पावनसलिला सरयू रामनगरी को तीन ओर से घेरती है पर शुक्रवार को रामनगरी आस्था के प्रवाह से घिरी नजर आई। श्रद्धालु 14 कोस की परिधि में प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन रामनगरी की परिक्रमा करते हैं। कोरोना के चलते दो वर्षों से प्रभावित रही चौदहकोसी परिक्रमा की रौनक इस वर्ष तब बयां हुई जब लाखों श्रद्धालु तय मुहूर्त से पूर्व ही परिक्रमा पथ पर उमड़ पड़े।
शुभ मुहूर्त सुबह 10:22 बजे से करीब एक घंटा पहले ही रामनगरी की 14 कोसी परिधि श्रद्धालुओं से जकड़ उठी। श्रद्धालु आराध्य का जयकारा लगाते आगे बढ़ रहे थे। अयोध्या, दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सहादतगंज, अफीम कोठी आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा शुरू कर दी।
जय श्रीराम के उद्घोष व सीताराम नाम की धुन के बीच परिक्रमार्थी परिक्रमा पथ को नंगे पांव नापते नजर आए। महिला, पुरुष, बच्चे, वृद्ध भी पुर्ण्याजन करते दिखे।साधु-संतों की टोली हरि कीर्तन करती परिक्रमा पथ पर आगे बढ़ती रही। सुबह 10:22 बजे से हले शुरू हुई परिक्रमा का प्रवाह शाम होते-होते और सघन हो गया।
पूरी रात श्रद्धालुओं ने परिक्रमा की। परिक्रमा शनिवार सुबह 9:36 बजे तक चलेगी। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह-जगह शिविर भी लगे हुए थे। जलपान से लेकर चिकित्सा के पूरे इंतजाम परिक्रमा पथ पर खूब दिखे। आस्था के पथ पर चल रहे श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए भी हजारों हाथ उठे थे। दर्द निरोधक दवाएं और मलहम हाथों में लिए सेवा शिविरों में लोग खड़े थे।
सुबह -10:22 बजे, 14 कोसी परिक्रमा के मुहूर्त से पूर्व ही जय श्रीराम के जयकारे के साथ भक्तों ने परिक्रमा शुरू कर दी। नाका हनुमानगढ़ी से बड़ी संख्या में भक्तों ने परिक्रमा का आगाज किया। नाका हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ जुटी रही। नाका के सचिन, राजेश तीसरी बार तो चौक निवासी निखिल चौथी बार आस्था के इस पथ का साक्षी बनने उतरे। कहा कि परिक्रमा से आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक दोनों फायदे होते हैं।
सुबह 11:23, परिक्रमा मेले में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ से सरयू घाट गुलजार रहा। राम सियाराम, सियाराम जय जयराम...की ध्वनि घाटों पर गूंज रही थी। सरयू में स्नान करने के लिए भक्तों की भीड़ जुटी रही। बड़ी संख्या में भक्तों ने सरयू घाट से परिक्रमा का शुभारंभ किया। जिनकी परिक्रमा पूरी होती गई वे सरयू में स्नान को भी पहुंचे। पुलिस लाउडस्पीकर से श्रद्धालुओं को गहरे पानी में न जाने की हिदायत भी देती रही।
सुबह 10:50, चौदहकोसी परिक्रमा में सैकड़ों की संख्या में साधु-संत भी परिक्रमा करते नजर आए।
जयश्रीराम...सीताराम... सीताराम... का जाप करते साधु संत एवं भक्त परिक्रमा पथ पर आगे बढ़ते रहे। अयोध्या के जानकीघाट के संत जयरामदास बोले कि परिक्रमा का विधान सदियों से रहा है। पूजन-अर्चन के बाद परिक्रमा का नियम है अयोध्या की परिक्रमा करने से मनुष्य को 84 लाख योनियों से भी मुक्ति मिलती है।
रिपोर्टर