आर्थिक सांठगाठ होने के कारण नहीं दर्ज हुआ इंडस मोबाइल टाॅवर कंपनी पर FIR ?

भिवंडी।। भिवंडी शहर महानगर पालिका के प्रभाग समिति क्रमांक एक परिसीमा अंर्तगत स्थित जब्बार कंपाउंड के मुख्य सड़क व फुटपाथ जमीन पर कब्जा कर लगाया गया बहुचर्चित इंडस मोबाइल टाॅवर पर प्रभारी सहायक आयुक्त ( लिपिक) दिलीप खाने इतने मेहरबान है कि जमीन मालिक व मोबाइल टाॅवर कंपनी को एक दिसंबर को जारी तीन दिन की नोटिस के बाद उलट 30 दिन बीत जाने के बावजूद ना तो मोबाइल टार्वर निकाला और ना ही कंपनी व जमीन मालिक पर एम आरटीपी अॅट अनुसार कार्रवाई की। सुत्रों की माने तो इस मोबाइल टाॅवर के कारण कई अधिकारी व कर्मचारियों की जेबे तो गरम हो चुकी है। किन्तु आर्थिक तंगी से जूझ रही भिवंडी पालिका को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है।        हालांकि इसी प्रभाग क्षेत्र में लगभग 90 से 100 इमारतों का अवैध निर्माण कार्य जारी है।जिनका तीन से चार मंजिल का बांधकाम भी पूरा हो चुका है वही पर कुछ अवैध इमारतें के प्लिंथ का काम शुरू है। किन्तु ऐसे अवैध इमारतों पर सहायक आयुक्त का पद संभाल रहे लिपिक दर्जे के कर्मचारी दिलीप खाने की मेहरबानियां है। जिसके कारण भू माफिया व बिल्डर दनदनाकर अवैध इमारतों का निर्माण करवा रहे है। सुत्रों के अनुसार पालिका के पांचों प्रभाग समितियों में निर्माणाधीन अवैध इमारतों पर कार्रवाई ना करने के एवज में बिल्डरों व भूमाफियों से बड़ा आर्थिक लेनदेन होता रहा है।  जिसका हिस्सा भिवंडी शहर का  विनाश कर रहे उच्च अधिकारियों सहित पुढारी नेताओं के झोलियों तक भी पहुंचता है। ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के कारण भिवंडी मनपा का आर्थिक स्थिति कोमा में चली गयी है।चाहुओर विकास कार्य ठप्प पड़े चुके है। यही नहीं वर्तमान मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख भी विकास कामों के फाइलों पर "पैसे कुठे आणार" लिखकर फाइल को बंद करवा रहे है।

गौरतलब हो 25 नवंबर 2021 के बाद प्रभाग समिति क्रमांक एक के प्रभारी सहायक आयुक्त दिलीप खाने व वीट निरीक्षक विराज भोईर एक साथ दोनों 10 दिन की छुट्टी पर चले गयें। जिसके कारण पहले से नागांव -2 के सर्वे नं. 91/14 के किनारे सड़क के फुटपाथ व नाले की जमीन पर कब्जा कर हयातुल्ला तजमुल खान व इंडस मोबाइल टाॅवर कंपनी ने चबूतरा का निर्माण करवा लिया था। दोनों अधिकारियों की अनुपस्थिति में उस चबूतरा पर इंडस कंपनी ने 40 फुट ऊँचा लोहे का मोबाइल टाॅवर दो दिन के भीतर लगाकर कर खड़ा कर दिया। एक दिसंबर को इसकी जानकारी इस प्रभाग के अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे प्रभाग समिति दो के प्रभारी सहायक आयुक्त फैसल तातली को‌‌ मिली। जिसके कारण उन्होंने अपने अतिक्रमण दस्ते के दलबल के साथ पहुंच कर मोबाइल टाॅवर का काम तो बंद करवाया किन्तु सड़क के किनारे बिखरे टार्वर के पार्टस को जब्त नहीं किया। जिसके कारण इनके भी कार्यशैली पर शिकायतकर्ताओं ने उंगलियां उठाना शुरू कर दी है। पार्टस के जब्ती करण नहीं होने के कारण कंपनी ने चोरी चुपके टाॅवर का काम शुरू कर टार्वर चालू करने की कोशिश की।
       
कई शिकायतकर्ताओं ने क्लर्क दर्ज के कर्मचारी प्रभारी सहायक आयुक्त दिलीप खाने के भष्ट्राचार की शिकायत मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख से की। इसमें पूर्व नगरसेविका पाटिल मेडम भी शामिल हैं। उन्होंने दिलीप खाने पर आरोप लगाया है कि पैसा लेने के बावजूद भी वार्ड अधिकरी दिलीप खाने ने काम नहीं किया। वही पर बाला कंपाउंड की अवैध इमारत को तोड़ने से बचाने के नाम पर लाखों रुपये की मांग की चर्चा मनपा गलियारे सहित शहर के वातावरण में गूंज रही है। यही नहीं अवैध मोबाइल टाॅवर लगवाने में माहिर समझे जाने वाले दिलीप खाने ने अपने कार्यकाल के दरमियान इंडस कंपनी के 12 और टाॅवर का ओपन जगह सहित अवैध व धोखादायक इमारतों पर लगवा दिया है। जिसमें कंपनी से भारी भष्ट्राचार होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। 
     
इस वार्ड में लगभग 90-100. अवैध इमारतों निर्माणाधीन है। सुत्रों की माने तो अभी तक इन्होंने लगभग पांच इमारतों के खिलाफ फौजदारी के तहत मामला दर्ज करवाया है। बाकियों से सांठगाठ के कारण कार्रवाई से वंचित रखा है। वही पर इनके क्षेत्र में उच्च न्यायालय के आदेशानुसार कई इमारतें को निष्कासित करना था। किन्तु ऐसी इमारतों पर कार्रवाई ना करते हुए कोर्ट के आदेश की धज्जियां भी उड़ानें में माहिर है। क्या मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख ऐसे भष्ट्र अधिकारी पर कार्रवाई करेंगे इस पर जागरूक नागरिकों ने निगाहें बना कर रखा हुआ है। 

रिपोर्टर

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