
बेटियों ने किया पिता का अंतिम संस्कार
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Feb 01, 2022
- 469 views
भिवंडी।। आज के युग में बेटियां किसी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है। हर क्षेत्र में बेटियां बेटों से आगे निकलकर पुराने जमाने के भ्रम को तोड़ने में लगी हुई है। पुराने समय में जिन दंपति को पुत्र नहीं होता था तो उनके अंतिम संस्कार के समय चिता को अग्नि देने का बड़ा सवाल खड़ा होता था, लेकिन अब यह सवाल भी खत्म हो गया है। बेटा ना होने पर बेटियां ही अब यह फर्ज भी निभा रही है। भिवंडी शहर के नारपोली परिसर में एक ऐसी ही घटना घटित हुई है। जहाँ पर एक पिता का अंतिम संस्कार उनकी तीन बेटियो ने मिल किया है। इस परिसर में रहने वाले गणपत कृष्णा भोईर व विठाबाई गणपत को एक पुत्र व तीन बेटियां थी। किन्तु बेटा गणेश का 25 वर्ष की अवस्था में बीमारी से निधन हो गया। बेटी सुषमा, सुलोचना व शिल्पा को पालकर भोईर परिवार ने बड़ा किया और शादी विवाह किया। गणपत भोईर की 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बेटी ने आगे आते हुए अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया। बेटी के द्वारा किए गए इस मुख्य कार्य को लेकर नारपोली परिसर सहित शहर भर में बेटी की प्रसंशा की जा रही है।
गांव के नागरिक ने कहा कि बेटियां कभी पराई नहीं होती। गांव की इस तीनों बेटियों ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दिया। आंखों से बहती आंसुओं की धारा और चेहरे पर एक अजीब सा सन्नााटा छा गया। बता दें कि पुत्री सुषमा, सुलोचना व शिल्पा तीनों सगी बहन हैं जिनका भाई नहीं है, जिन्होंने जैसे ही अपने माता की चिता में आग लगाई वहां मौजूद सबकी आंखें डबडबा गयी। मृत आत्मा को शांति प्रदान करने व अंतिम संस्कार के सभी कार्य बेटियों ने किया। इसके आलावा तीनों बेटियों ने अंतिम संस्कार के समय शपथ ली कि तीनों मिलकर अपनी वृद्ध माॅ की सेवा करती रहेगी।
रिपोर्टर