इस साल नहीं हुई कालाजार के एक भी मरीज की पुष्टि : डॉ. विनोद
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Feb 18, 2022
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मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत 6600 रु. एवं भारत सरकार की तरफ से 500 रु. की राशि देने का प्रावधान
जिले में पिछले तीन साल के अंतारल में आठ मरीजों की हुई थी पुष्टि
आरा ।। जिले के लोगों को गंभीर और घातक बीमारियों से बचाने के उद्देश्य से कई योजनाओं और अभियानों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें न केवल राज्य सरकार बल्कि केंद्र सरकार भी सहयोग करती है। ताकि, मरीजों की जान बचाई जा सके। इन्हीं गंभीर बीमारियों में से एक है कालाजार। जिसको पहले लोग अंधविश्वास और भ्रांतियों के चक्कर में आकर असाध्य रोग मानते थे। लेकिन, अब इस रोग का भी इलाज पूरी तरह से संभव है। बस इसके लिये लोगों को जागरूक होने के साथ बीमारियों के लक्षण की जानकारी होने की आवश्यकता है। ताकि, रोग के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर वे संबंधित चिकित्सक से ससमय अपना इलाज शुरू करा सकें। सरकार व विभाग की ओर से कालाजार उन्मूलन अभियान भी चलाये जाते हैं। जिसके तहत चिन्हित गांवों में दवाओं का छिढ़काव भी किया जाता है। जिससे कालाजार के फैलने की संभवना को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।
मरीज को इलाज के बाद दी जाती है 7100 रुपये की राशि :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया, इस वर्ष एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है। जो अच्छे संकेत हैं। कालाजार मरीजों के इलाज की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के अंतर्गत कालाजार मरीजों को इलाज के बाद 6600 रुपये एवं भारत सरकार की तरफ से 500 रु की राशि देने का प्रावधान है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। वहीं, आशा, आगनबाड़ी एवं कालाजार इन्फार्मर द्वारा रेफर किये गये संभावित कालाजार मरीजों में यदि जांचोपरांत कालाजार पॉजिटिव पाये जाते है तो सरकार द्वारा निर्धारित प्रोत्साहन राशि 500 के अतिरिक्त जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी की अनुशंसा पर केएमआरसी द्वारा 1000 हजार रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
कालाजार से प्रभावित हैं जिले के सात गांव :
वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया, कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत साल में दो बार चिन्हित गांवों में दवाओं का छिड़काव किया जाता है। कालाजार से जिले के सात गांव प्रभावित है। इनमें उदवंतनगर प्रखंड में चौकीपुर, बड़हरा में फुहान, बखोरापुर व मरहा, आरा सदर में जमीरा व धरहरा तथा शाहपुर में पंचखाेरी डेरा शामिल है। जिले में पिछले तीन साल के अंतारल में आठ मरीजों की पुष्टि हुई है। जिनमें 2019 में पांच, 2020 में दो और 2021 में एक मरीज की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि चिन्हित गांवों में घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान भी की जाती है। उन्होंने बताया, इस बीमारी में लक्षण की पहचान बेहद जरूरी है। इसमें 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
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