
भिवंडी में AIMIM की पतंग कटी, वारिस पठान की करारी हार
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Nov 23, 2024
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भिवंडी। भिवंडी पश्चिम विधानसभा सीट पर इस बार AIMIM की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े हो गए हैं। पार्टी ने इस बार खालिद गुड्डू को दरकिनार कर पूर्व विधायक और अपने चर्चित नेता वारिस युसुफ पठान को मैदान में उतारा। लेकिन नतीजों ने AIMIM के लिए बड़ा झटका साबित किया। वारिस पठान को महज 15,800 वोट मिले और वे पांचवें स्थान पर रह गए। भाजपा के महेश चौघुले ने इस सीट पर भारी मतों से विजय हासिल की, वहीं सपा के रियाज आजमी ने भी AIMIM के समीकरण बिगाड़ दिए।
2019 के चुनाव में खालिद गुड्डू ने AIMIM के समर्थन से 43,945 वोट हासिल किए थे और भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। लेकिन इस बार खालिद गुड्डू पर लगे कानूनी मामलों और जेल में रहने के कारण पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बदले वारिस पठान को मौका दिया गया, जिससे पार्टी के अंदर नाराजगी बढ़ गई। खालिद गुड्डू के समर्थक पार्टी से दूरी बनाने लगे और अंतिम समय में सपा के रियाज आजमी का समर्थन कर दिया। AIMIM ने वारिस पठान के लिए पूरी ताकत झोंक दी। असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी ने भिवंडी में सभाएं कीं, लेकिन ये प्रचार मतदाताओं को लुभाने में नाकाम रहा। खालिद गुड्डू के 43 हजार मतदाता इस बार AIMIM से किनारा कर गए।
भाजपा के महेश चौघुले ने 70,172 वोटों के साथ इस सीट पर एकतरफा जीत दर्ज की, जबकि AIMIM के वारिस पठान महज 15,800 वोटों पर सिमट गए। सपा के रियाज आजमी ने दूसरे स्थान पर रहकर AIMIM को बड़ा नुकसान पहुंचाया। भिवंडी में AIMIM की पतंग के पेड़ पर लटकने की कई वजहें बताई जा रही हैं। पार्टी में स्थानीय नेताओं की अनदेखी, खालिद गुड्डू के समर्थकों की नाराजगी और बाहरी उम्मीदवार पर भरोसा हार का प्रमुख कारण माना जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि AIMIM इस हार से क्या सबक लेती है। क्या AIMIM की पतंग फिर उड़ेगी, या यह हार पार्टी के लिए स्थायी नुकसान साबित होगी ? समय ही बताएगा।
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