मध्य रेलवे में CRMS का डंका: रेल कर्मचारियों का ऐतिहासिक समर्थन, पहला स्थान हासिल

मुंबई । मध्य रेलवे ज़ोन में सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (CRMS) ने ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। संघ ने सभी प्रमुख मंडलों मुंबई, भुसावल, पुणे, सोलापुर और नागपुर में पहला स्थान हासिल करते हुए अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया। यह जीत CRMS की मजबूत नीतियों, कर्मचारियों के हितों के लिए किए गए निस्वार्थ कार्यों, और उनकी समस्याओं को हल करने की प्रतिबद्धता का परिणाम है।

CRMS के अध्यक्ष और NFIR के सहायक महासचिव डॉ. प्रवीण बाजपेई के कुशल नेतृत्व में संघ ने यह उपलब्धि हासिल की। उनके नेतृत्व में संगठन ने कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपना संकल्प जताया। यह जीत उन सभी रेल कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं की है जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर संगठन को मजबूत किया। कर्मचारियों ने अपने महत्वपूर्ण मत देकर यह संदेश दिया कि उनकी प्राथमिकता केवल सच्चाई, सादगी और कर्मचारियों के हितों के लिए काम करने वाला संगठन है।

CRMS ने अपने संकल्प पत्र में हर विभाग की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और उनका समाधान करने की योजना पेश की। इस प्रामाणिकता ने कर्मचारियों का विश्वास जीतने में अहम भूमिका निभाई। CRMS ने यह विजय केवल एक संगठन की जीत नहीं, बल्कि कर्मचारियों के हितों को आगे रखकर स्वार्थ और अहंकार की राजनीति को हराने के रूप में दर्ज की है। यह दिखाता है कि कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में डालने वाली नीतियों का कोई स्थान नहीं है।

इस महाविजय के अवसर पर डॉ. प्रवीण बाजपेई और सभी मंडल अध्यक्षों, सचिवों, शाखा प्रमुखों और कार्यकर्ताओं ने अपने समर्थन के लिए कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे एकजुटता और समर्पण का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा यह जीत CRMS को रेलवे में एक नंबर का संगठन साबित करती है, और कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में नए आयाम स्थापित करती है।


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