ददुआपुर में हुआ त्रिदिवसीय श्रीराम कथा का भव्य आयोजन

कथा का वाचन श्री बद्री विशाल महराज द्वारा किया गया


अमानीगंज, अयोध्या ।। ददुवापुर में चल रही तीन दिवसीय श्रीराम कथा के प्रथम दिन कथा वाचक जी ने भगवान राम की महिमा का व्यख्यान किया। उन्होंने बताया कि श्री राम का भाव है सदैव रहने वाली सत्ता भाव जिसका न ही जन्म होता है न ही मरण। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तब उसके नाम के आगे स्वर्गीय लग जाता है, लेकिन जब अवतारी पुरुष अपनी लीला को समेट कर इस धरा से जाते हैं तो उनके नाम के आगे स्वर्गीय नहीं लगता, क्योंकि वह सत्ता अविनाशी है। आगे कथा वाचक बद्री विशाल महराज जी ने बताया कि श्री राम कण-कण में रमण करने वाली शक्ति है और श्री राम की कथा श्रवण करने से इंसान भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि प्रभु की कथा श्रवण करने के लिए भगवान भोलेनाथ ऋषि अगस्त्य जी के आश्रम में जाते हैं और प्रभु की पावन पुनीत कथा को श्रवण कर धन्य हो जाते हैं। गरुड़ जी भी जब भगवान राम और लक्ष्मण को नागपाश में बंधा देखते हैं तो उनके मन में संशय उत्पन्न हो जाते हैं। फिर वह हनुमान जी के कहने पर भगवान भोलेनाथ के पास जाते हैं और प्रभु की कथा को श्रवण करते हैं, तद्पश्चात प्रभु की कथा को श्रवण कर उनके मन के सारे संशय दूर होते हैं। कथा वाचक महराज जी ने कहा कि जो भगवान की कथा को श्रवण कर अपने जीवन में चरितार्थ करते हैं तो उसका जीवन धन्य हो जाता है। अंत महराज जी द्वारा प्रभु श्री राम के अवतार की गाथा सुनाई गई। कथा दौरान प्रभु श्री राम का पूजन बम बहादुर  द्वारा किया गया। इस मौके अमन शास्त्री, त्रिलोकी शुक्ल, उपेंद्र शुक्ल, बिंटू शुक्ल समेत कथा प्रेमी भक्तगण उपस्थित रहे ।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट