रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार नायब तहसीलदार समेत दो निजी व्यक्तियों को कोर्ट ने दी तत्काल जमानत

भिवंडी।। भिवंडी के उपविभागीय व दंडाधिकारी प्रांत कार्यालय में कार्यरत नायब तहसीलदार व दो अन्य व्यक्तियों को एंटी करप्शन ब्यूरो मुंबई विभाग ने 6 लाख रिश्वतखोरी के प्रकरण में गुरूवार को गिरफ्तार किया था। तीनों के खिलाफ आधी रात को शांतिनगर पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया और शुक्रवार को जिले के विशेष सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। जहां पर आरोपियों के वकील नारायण अय्यर के युक्तिवाद व तर्क के बाद न्यायालय ने तीनों आरोपियों को पुलिस रिमांड में ना भेजते हुए 24 घंटे के अंदर ही जमानत दे दी। वकील नारायण अय्यर से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि सात साल से कम की सजा वाले मामले में गिरफ्तारी से पहले एक नोटिस जारी किया जाना चाहिए। इस प्रकार का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने एक प्रकरण की सुनवाई के दरमियान दी है। इस प्रकरण में जांच प्रकिया पूरी हो गयी है। जिसके बाद उन्हें पुलिस रिमांड में भेजने के लिए गरज नहीं है। इस प्रकार का संवाद उन्होंने माननीय न्यायधीश के समक्ष रखा था। न्यायधीश ने एंटी करप्शन ब्यूरो मुंबई विभाग द्वारा मांगी गयी पुलिस रिमांड को खारिज करते हुए वकील नारायण अय्यर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपी नायब तहसीलदार विठ्ठल गोसावी, सरपंच विजय भोईर, ज्वेलर्स दुकानदार लक्ष्मण राजपुरोहित को जमानत दे दी और न्यायधीश ने कहा कि जब तक दोषारोप पत्र दाखिल नही होता तब तक संबंधित कार्यालय में महीने की पहली तारीख और 15 तारीख को हाजिरी लगाना पड़ेगा। इस प्रकार की जानकारी वकील नारायण अय्यर ने दी है।

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