
जिला प्रशासन दे ध्यान थोड़ी सी लापरवाही से करोड़ों का हो रहा नुकसान
- आशुतोष कुमार सिंह, ब्यूरो चीफ बिहार
- Apr 29, 2022
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दुर्गावती से संवाददाता पिंटू तिवारी की रिपोर्ट
कैमूर ।। जिले के दुर्गावती प्रखंड में मनरेगा के तहत लगाए गए पौधे सिंचाई के अभाव में दम तोड़ रहे हैं । क्योंकि सिंचाई की व्यवस्था मनरेगा विभाग स्वयं अपनी जिम्मेवारी पर ले रखा है इसलिए जहां पौधे लगाए गए हैं वहां पर सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई है । लेकिन विभाग के द्वारा समय पर पौधों की सिंचाई नहीं की जा पाती है जिससे प्रत्येक वर्ष काफी संख्या में पौधे सिंचाई के अभाव में सूख जाते हैं। वही पौधों की देखभाल करने वाले वन पोषक पानी के बिना सूख रहे पौधों को लेकर लाचार दिखाई पड़ रहे हैं। क्योंकि पौधों के आस-पास पानी की कोई व्यवस्था नहीं है ताकि वे पौधों का सिंचाई कर सकें ऐसे में सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत मनरेगा विभाग के द्वारा लगाए गए हजारों पौधे प्रत्येक वर्ष सिंचाई के अभाव में गर्मियों के दिन में सूख जाते हैं । इसके बावजूद भी प्रशासन की तरफ कोई खास पहल नहीं की जाती है। बताते चलें कि दुर्गावती प्रखंड में प्रत्येक वर्ष मनरेगा के तहत निजी एवं सरकारी भूमि पर कुल मिलाकर लगभग 25 से 30 हजार पौधे लगाए जाते हैं । इन पौधों पर सरकार के करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं । पौधों के देखभाल के लिए बन पोषक भी बहाल किए जाते हैं । लेकिन गर्मी का मौसम आते ही कड़ी धूप और बेतहाशा गर्मी की वजह से पौधे सिंचाई के अभाव में दम तोड़ देते हैं । सबसे बड़ी बात यह है कि करोड़ों रुपए खर्च करके प्रत्येक वर्ष पौधे लगाए जाते हैं । लेकिन गर्मी के दिन में सिंचाई के अभाव में काफी संख्या में पौधे सूख जाते हैं। पौधा लगाते समय सरकारी आंकड़े को पूरा करने के लिए अधिकारी काफी सक्रिय रहते हैं लेकिन पौधा लगने के बाद अधिकारी भी पौधों के प्रति लापरवाह देखे जाते हैं । जांच किया जाए तो धरातल पर लगाए गए पौधों मे से महज 25 प्रतिशत भी पौधे उपलब्ध नहीं पाए जाएंगे । इस प्रकार पौधे के नाम पर सरकार के करोड़ों रुपए बर्बाद हो रहे हैं । इसके लिए प्रशासन की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है । वही इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी दुर्गावती महेंद्र प्रसाद ने बताया कि पौधो के सिंचाई के लिए टैंकर से पानी देने की व्यवस्था की गई है लेकिन अभी तक किसी भी पौधे को टैंकर से पानी नहीं दिया गया है।
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