ससमय फॉलो-अप से एमडीआर टीबी के मरीजों के उपचार में होगी सहूलियत- डॉ. रवि शंकर
- रामजी गुप्ता, सहायक संपादक बिहार
- Jun 23, 2022
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पटना।। मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट टीबी ( एमडीआर टीबी ) के उपचार पर बुधवार को पटना स्थित एक निजी होटल में कार्यशाला सह समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। . एमडीआर टीबी की जांच एवं उपचार में आ रही परे शानियों पर कार्यशाला में चर्चा की गयी.। डॉक्टर्स फॉर यू के डॉ. शिव कुमार रावत ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य एमडीआर टीबी के मरीजों के उपचार को ध्यान में रखते हुए आ रही दिक्कतों एवं शामिल जिलों के टीबी प्रबंधन पर चर्चा करना था.। कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ. उमेश त्रिपाठी, डॉ. गौरव, डॉक्टर्स फॉर यू से डॉ. शिव कुमार रावत, डॉ. प्रशांत, राजू कुमार सिंह एवं जॉनसन एंड जॉनसन की तरफ से संदीप कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे। .
7 जिलों के अधिकारियों एवं कर्मी हुए शामिल:
कार्यशाला सह समीक्षा बैठक में राज्य के पटना, वैशाली, जहानाबाद, लखीसराय, बक्सर, भोजपुर एवं बेगूसराय के यक्ष्मा विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल हुए.। कार्यशाला में शामिल अधिकारियों ने कहा यक्ष्मा उन्मूलन अभियान में संसाधन की कमी को दूर किया जाये। . मरीजों की जांच एवं उपचार मानव संसाधन की कमी ज्यादा से ज्यादा मरीजों को चिह्नित करने एवं उनका उपचार करने में बाधक साबित हो रही है. ।
ससमय फॉलो-अप से एमडीआर टीबी के मरीजों के उपचार में होगी सहूलियत- डॉ. रवि शंकर
कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरीय चिकित्सा पदाधिकारी, यक्ष्मा विभाग पटना सह राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के प्रशिक्षण, समीक्षा एवं अनुश्रवण पदाधिकारी, बिहार डॉ. रवि शंकर ने कहा कि सटीक जांच द्वारा सभी टीबी मरीजों का ससमय ड्रग रेसिस्टेंट होने का पता चले और ससमय उनका चिकित्सीय प्रबंधन हो सके यह सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। . एमडीआर टीबी के मरीजों का ससमय फॉलो-अप करना बहुत जरू री है। जिससे उनके उपचार को सही दिशा और गति प्राप्त हो सके। . डॉ. रवि शंकर ने बताया कि राज्य के सभी लैब तकनीशियन एवं माइक्रोबायोलॉजिस्ट लाइन प्रोब असे की फर्स्ट एवं सेकंड लाइन की ट्रेनिंग हो चुकी है जिससे ससमय ड्रग सेंसिटिविटी की जांच हो सकेगी.।
मरीजों की रिपोर्ट का गहन निरीक्षण एवं उचित चिकित्सीय परामर्श आवश्यक- डॉ. उमेश त्रिपाठी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के चिकित्सीय परामर्शी डॉ. उमेश त्रिपाठी ने कहा कि सभी एमडीआर टीबी के मरीजों के रिपोर्ट की गहन निरीक्षण के उपरांत ही दवा की शुरुआत की जानी चाहिए। . ऐसे मरीजों पर लगातार नजर रखी जानी चाहिए जिससे पता चल सके कि उनपर दवाइयों का असर हो रहा है या नहीं.।
कार्यशाला के अंत में डॉक्टर्स फॉर यू के डॉ. शिव कुमार रावत ने धन्यवाद ज्ञापन किया और सभी शामिल प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया। .
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