
पुरा देश अब परम ज्ञानी एवं तपस्वी आचार्य के मार्गदर्शन से वंचित रहेगा : रौशन मिश्रा
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Sep 11, 2022
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ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज 99 वर्ष की आयु में हृदयगति के रुक जाने से अपराह्न 3.21 पर ब्रह्मलीन हो गए। इस मौके पर विश्व सनातन वैदिक संघ के संस्थापक रौशन मिश्रा ने शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद जी महाराज के निधन पर शोक संदेश जारी किया। रौशन मिश्रा ने कहा "राष्ट्र, धर्म और समाज के उत्थान में स्वामी जी का अतुल्य योगदान रहा है, स्वामी जी का परलोक गमण से पुरा देश अब परम ज्ञानी एवं तपस्वी आचार्य के मार्गदर्शन से वंचित रहेगा। स्वामी जी ने जीवन भर तपस्या के साथ-साथ लोगों के भलाई, पाखण्डवाद का विरोध एवं सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार के लिए काम किया।ताते चलें कि शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती से करोडों भक्तों की आस्था जुडी हुई है। गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने वाले तथा रामजन्मभूमि के लिए लम्बा संघर्ष करने वाले, गौरक्षा आन्दोलन के सत्याग्रही एवं रामराज्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष के रूप में इन्होंने देश में एक अलग पहचान बनाए।
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