चकाई में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 109वीं जन्म जयंती चकाई निरीक्षण भवन में आयोजित

बिहार (जमुई)। चकाई जमुई में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 109वीं जन्म जयंती चकाई निरीक्षण भवन में आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता ओर संचालन चकाई मंडल अध्यक्ष सह 20 सूत्री उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार गुप्ता ने किया। वहीं मंडल अध्यक्ष कृष्ण कुमार गुप्ता ने कहा पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को धनकिया नामक स्थान ,जयपुर अजमेर रेलवे लाइन के पास [राजस्थान] हुआ था। उनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय था, नागला चंद्रभान दीनदयाल जी का पैतृक गांव था, और नगला चंद्रभान (फरह, मथुरा) के निवासी थे। उनकी माता का नाम रामप्यारी था, जो धार्मिक प्रवृत्ति की थीं। पिता रेलवे में जलेसर रोड स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर थे। रेल की नौकरी होने के कारण उनके पिता का अधिक समय बाहर ही बीतता था। कभी-कभी छुट्टी मिलने पर ही घर आते थे।जेपी सेनानी अंगराज ने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम्” भारतीय सभ्यता से प्रचलित है। इसी के अनुसार भारत में सभी धर्मों को समान अधिकार प्राप्त हैं।


 संस्कृति से किसी व्यक्ति, वर्ग, राष्ट्र आदि की वे बातें, जो उसके मन, रुचि, आचार, विचार, कला-कौशल और सभ्यता की सूचक होती हैं, पर विचार होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह जीवन जीने की शैली है।जिला मंत्री शालिग्राम पाण्डेय ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जनसंघ के राष्ट्रजीवन दर्शन के निर्माता माने जाते हैं। उनका उद्देश्य स्वतंत्रता की पुनर्रचना के प्रयासों के लिए विशुद्ध भारतीय तत्व-दृष्टि प्रदान करना था। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए एकात्म मानववाद की विचारधारा दी। उन्हें जनसंघ की आर्थिक नीति का रचनाकार माना जाता है। उनका विचार था कि आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य सामान्य मानव का सुख है।जेपी सेनानी अंगराज राय जिला मंत्री शालिग्राम पाण्डेय धर्मवीर आनंद मनोज पोद्दार शुक्ला किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष महेंद्र राय सोशल मीडिया संयोजक दीपक कुमार शर्मा माधोपुर मंडल अध्यक्ष उमाशंकर सिन्हा राकेश कुमार संतोष कुमार कामदेव रजक बसंत पांडेय पंचानन पाण्डेय दीपक कुमार उमेश पाण्डेय आदि उपस्थित थे।

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