भिवंडी पालिका क्षेत्र अंर्तगत सैकड़ों अवैध इमारतें निर्माणाधीन, कार्रवाई शून्य

भिवंडी।। भिवंडी पालिका परिसीमा अंर्तगत लगभग सैकड़ों इमारतें अवैध रूप से निर्माणाधीन अवस्था में है। ऐसी कुछ इमारतों की प्लिथ का काम शुरू है, तो कुछ इमारतों का पांच से सात मंजिला तक बांधकाम पूरा हो चुका है। किन्तु प्रभाग समितियों में सक्षम अधिकारी नहीं होने के कारण ऐसे निर्माणाधीन अवैध इमारतों पर कार्रवाई शून्य के बराबर है। जिसके कारण शहर में लगातार अवैध इमारतों की संख्या बढ़ रही है। गत दिनों प्रभाग समिति पांच अंर्तगत विभिन्न जगहों पर अवैध निर्माण के प्रकरण में पालिका प्रशासक व आयुक्त विजय कुमार म्हसाल ने प्रभारी सहायक आयुक्त सुनिल भोईर को निलंबित कर दिया है। इस निलंबन की कार्रवाई के बाद भी बाकी प्रभाग समितियों में निरंतर अवैध इमारतों का निर्माण कार्य जारी है। 

गौरतलब हो कि वर्तमान समय में पालिका के अधिकांश विभागों की जिम्मेदारी प्रभारी अधिकारियों को सौंपी गई है। जिसके कारण भष्ट्राचार चरम पर है। सुत्रों की माने तो पालिका में पदों के लिए अधिकारियों की बीच बोली लगाई जाती है। जिसकी बोली बड़ी, उसे ही उस पद का प्रभारी अधिकारी बना दिया जाता है। इसी क्रम में प्रभाग समितियों के सहायक आयुक्त पद भी अछूता नहीं है। पालिका में पांच पांच सहायक आयुक्त होने के बावजूद इनके मूल पद पर वरिष्ठ क्लकों को प्रभारी सहायक आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वही पर शासन से आऐ सहायक आयुक्त नूतन खाडे, प्रीति गाडे व अनुराधा बाबर और भिवंडी पालिका के नितिन पाटिल व आर.बी.थोरात को प्रभाग समितियों में सहायक आयुक्त‌ पद की जिम्मेदारी ना देकर विभिन्न विभागों के विभाग प्रमुख पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अनाधिकृत बांधकामों पर अंकुश लगाने और पाँचो प्रभाग समितियों पर कंटोल रखने के लिए पालिका मुख्यालय  शहर विकास विभाग प्रमुख, बिल्डिंग कम इंस्पेक्टर पद पर भी प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति की गई है। पालिका अंर्तगत बिल्डिंग कम इंस्पेक्टर पद के कई अधिकारियों को दूसरे विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।

कोव्हिड काल के दरमियान प्रभाग समितियों के सहायक आयुक्त पद की जिम्मेदारी संभाल रहे पांचों प्रभारी सहायक आयुक्तों ने सामूहिक रूप से अपने प्रभारी सहायक आयुक्त पद को त्याग कर अपने मूल पद पर नियुक्ति करने की मांग तत्कालीन आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया को निवेदन पत्र देकर किया था। जिसके कारण तत्कालीन आयुक्त ने उनका निवेदन पत्र को स्वीकार करते हुए सभी को उनके मूलपद क्लर्क पद पर भेज दिया था। वही उनके स्थान पर शासन से आऐ सहायक आयुक्त प्रीति गाडे, नूतन खाडे, प्रीतम पाटिल व मारूती गायकवार्ड को प्रभाग समितियों में सहायक आयुक्त पद की जिम्मेदारी दी गई थी। इस परिवर्तन के बाद अवैध इमारतों के बांधकाम व निर्माण पर अंकुश सा लग चुका था। किन्तु आयुक्त डाॅ.पंकज आशिया का तबादला होते ही पुनः प्रभाग समितियों में वरिष्ठ क्लकों को प्रभारी सहायक आयुक्त पद की जिम्मेदारी सौप दी गई। इनकी‌ नियुक्ति होने से पुनः अवैध इमारतें बनना बदस्तूर जारी हो गयी है।

रिपोर्टर

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