शहर में फर्जी व बोगस पत्रकारों की बाढ़, अवैध धंधों पर इनकी संख्या 250 के पार ?

भिवंडी।। मजदूर बाहुल्य शहरों में जिस तरह नाकों व नुक्कड़ों पर मजदूरों के भीड़ का जमावड़ा रहता है। उसी तरह राजनीतिक, सामाजिक व प्रशासनिक कार्यक्रमों में फर्जी पत्रकरों की भीड़ देखने को मिलती है। हालांकि ऐसे लोगों का पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं होता। किन्तु आश्चर्य की बात यह है ऐसे लोग हाथों में टीवी न्युज चैनलों की भांति माइक बूम और गले में प्रेस लिखा काली - पीली पट्टियो में प्रेस कार्ड लटका रहता है। नजदीक से देखने पर पता चलता है प्रेस कार्ड की तरह बनाया गया नकली प्रेस कार्ड में स्वयं का हस्ताक्षर रहता है। कहने का तात्पर्य यह है कि ऐसे लोग स्वयं प्रेस कार्ड बना कर स्वयं का हस्ताक्षर कर स्वयं को पत्रकार घोषित कर लेते है। ऐसे लोगों की संख्या इतनी है कि अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता है। अवैध धंधा करने वालो की माने तो ऐसे लोगों का आंकड़ा 250 के पार है जो इनके धंधों पर प्रत्येक महीने के एक तारीख से 10 तारीख के दरमियान चक्कर लगाते दिखाई पड़ते है। यही नहीं ऐसे फर्जी पत्रकार अक्सर जोड़ी की संख्या में घूमते हैं।

शिक्षा विहीन ऐसे लोगों को भाषा के वर्ण माला का ज्ञान नहीं होता। किन्तु ऐसे लोग शिक्षित लोगों पर भी भारी है। दैनिक अखबारों में बिन पगारी काम करवाने का चलन बढ़ गया है। कुछ दैनिक अखबार के संपादक ऐसे चातुरबाज, जालबाज व वसूलीबाज को उनके क्षेत्र का प्रतिनिधि ( रिपोर्टर) नियुक्ति कर देते है। हालांकि ऐसे रिपोर्टरों को खबर लिखने का ज्ञान नहीं होता। किन्तु वसूली में मास्टर की डिग्री हासिल किये रहते है। जिसके कारण इनके संपादकों की कमाई में इजाफा हो जाता है। 

ऐसे स्वयं घोषित पत्रकार अज्ञानी होने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों के मोबाइलों पर अब मैसेज भेजकर उन्हें धमकी भी देना शुरू कर दिया है। यही नहीं अपने दो चाकिया वाहन पर लाल पेंट से प्रेस व पत्रकार लिखवाकर जम कर यातायात नियमों का उल्लंघन करते रहते है। कभी कभी ऐसे लोग अपने कर्तव्य पर हाजिर यातायात पुलिस का विडियो बनाकर न्युज दिखा देने की धमकी भी देते है। ऐसे कई पुलिस कर्मचारी इनके शिकार हो चुके है। गाडियो पर प्रेस लिखा होने के कारण पुलिस भी ऐसी गाडियों पर कार्रवाई करने से डरती रही है। जिसके कारण ऐसे लोग अनाप सनाप कृत्य करने में लिप्त रहते है। हालांकि प्रत्येक शहर के आला पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाती है। जिसमें भिवंडी शहर भी अछूता नहीं है।

रिपोर्टर

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