पिता को समर्पित कुछ मार्मिक पंक्तियां

पिता रोटी है कपड़ा है मकान है !

पिता नन्हे से परिंदे का बड़ा आसमान है !

पिता है तो घर मे प्रतिपल राग है !

पिता से माँ की चूड़ी, बिंदी और श्रृंगार है !

पिता है तो बच्चों के सारे सपने है !

पिता है तो बाजार के सारे खिलौने अपने है !

पिता नही तो सब कुछ सपने है !

आग की भट्टी में जलकर पिता करता पूरा हर ख्वाब है !

माँ के हर सपनो को करता साकार है !

बच्चों व पत्नी को बिना बताए बेपनाह करता प्यार है !

पर बच्चे समझते पिता नही करते प्यार है !

यही है एक पिता की मजबूरी हर इच्छा उसकी रहती है अधूरी !

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