पिता को समर्पित कुछ मार्मिक पंक्तियां
- Rohit R. Shukla, Journalist
- Dec 02, 2022
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पिता रोटी है कपड़ा है मकान है !
पिता नन्हे से परिंदे का बड़ा आसमान है !
पिता है तो घर मे प्रतिपल राग है !
पिता से माँ की चूड़ी, बिंदी और श्रृंगार है !
पिता है तो बच्चों के सारे सपने है !
पिता है तो बाजार के सारे खिलौने अपने है !
पिता नही तो सब कुछ सपने है !
आग की भट्टी में जलकर पिता करता पूरा हर ख्वाब है !
माँ के हर सपनो को करता साकार है !
बच्चों व पत्नी को बिना बताए बेपनाह करता प्यार है !
पर बच्चे समझते पिता नही करते प्यार है !
यही है एक पिता की मजबूरी हर इच्छा उसकी रहती है अधूरी !
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