भ्रष्टाचार में लिप्त पदाधिकारी रिश्वत की बदौलत देते हैं निर्णय

कैमूर-जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भुषण तिवारी की रिपोर्ट


कैमूर ।। जिला के कुदरा अंचल अंतर्गत कार्यरत भ्रष्ट अंचल पदाधिकारी द्वारा रिश्वत की बदौलत मनमाने ढंग से दिया जाता है निर्णय। आपको बताते चलें कि कैमूर जिला में अधिकांश सरकारी कार्यालयों में आए दिन लोग एक ही काम के लिए अनेकों बार आते जाते हैं पर कार्य सही तरीके से नहीं होता है। कार्य रिश्वत की बदौलत मनमाने ढंग से पदाधिकारियों द्वारा कर दिया जाता है। जो कि आगे चलकर विकट स्थिति को पैदा करता है। ऐसा ही मामला प्रखंड के पट्टी गांव में वर्तमान समय में देखने को मिल रहा है ।जहां एक तरफ अंचल पदाधिकारी द्वारा सरकार के कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए, रिश्वत की बदौलत आना बाद सर्वसाधारण की भूमि भूमाफिया द्वारा कब्जा करवा दिया गया, ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण मुक्त करने के लिए आवेदन देने के बावजूद भी पदाधिकारियों द्वारा रिश्वत की बदौलत मामले को दबाने की कोशिश किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर खाता संख्या 77 खेसरा संख्या 132 आना बाद सर्वसाधारण सड़क की भूमि है, जिसे अंचल पदाधिकारी द्वारा भू माफिया से मिलीभगत कर सड़क की भूमि भू माफिया से कब्जा करवा सड़क की भूमि छोड़ निजी भूमि  में सड़क बनवाने के लिए बार-बार प्रयास किया जा रहा है। जबकि अंचल पदाधिकारी अंचल अमीन के द्वारा मनमाने ढंग से रिपोर्ट पेश कर यह दर्शाने की कोशिश किया जा रहा है कि सड़क सरकारी भूमि में बन रहा है ।जबकि दो जानकार अमीनो द्वारा मापी करने के बाद यह निर्णय दिया गया है कि सड़क का कार्य खाता संख्या 38 खेसरा संख्या 133 जो कि निजी भूमि हैं, में हो रहा है। जिसे रैयतदार द्वारा रोक लगाया जा चुका है। फिर भी बार-बार भूमाफिया द्वारा कुछ रिश्वतखोर अधिकारियों से मिलकर सरकारी भूमि लूटने की नियत से बार-बार दबाव बनाया जा रहा है। कुदरा अंचल में ही नहीं कैमूर जिला के अधिकांश अंचल पदाधिकारियों द्वारा इस तरह का रवैया अपनाया जाता है। जिला सहित प्रदेश के उच्च पदाधिकारियों से आग्रह है कि इस और ध्यान दें और भूमि को निष्पक्ष रूप से जानकार अमीनो से मापी करवा सड़क कार्य प्रारंभ किया जाए।

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