आर्थिक मदद के रूप में आरक्षण सुविधा का लाभ सुनिश्चित करने की मांगों को लेकर अनशन

राष्ट्रीय जातिगत आरक्षण विरोधी पार्टी के महासचिव आमरण अनशन पर

दिल्ली अलीपुर ।। थाना जीटी करनाल रोड पर रविवार को सातवें दिन भी आर्थिक मदद के रूप में आरक्षण सुविधा लाभ लाभ सुनिश्चित करने की मांगों को लेकर राष्ट्रीय जातिगत आरक्षण विरोधी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रविंद्र जठेरी जी सातवें दिन भी आमरण अनशन पर। आपको बता दें कि एससी-एसटी एक्ट और आरक्षण की मौजूदा जनविरोधी व्यवस्था (SC, ST, OBC, EWS आदि) को खत्म करने, तथा देश में हर गरीब व्यक्ति/परिवार को केवल और केवल जरूरी आर्थिक मदद के रूप में आरक्षण सुविधा का लाभ सुनिश्चित करने की मांग को लेकर, राष्ट्रीय जातिगत आरक्षण विरोधी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रविन्द्र जठेड़ी जी का आमरण अनशन दिल्ली के अलीपुर थाना क्षेत्र स्थित जी  टी करनाल रोड़ पर रविवार को सातवें दिन भी जारी रहा। इस मौके पर मौजूद सहयोगी सत्याग्रहीयों ने जमकर नारेबाजी करते हुए, केंद्र सरकार से मांगों पर तुरंत अमल कार्यवाही करने की अपील की।जानकारी देते हुए अनशनरत पार्टी महासचिव श्री जठेरी जी ने कहा, कि आमरण-अनशन आंदोलन के आठवें दिन कल 09 अक्टूबर को सुबह लगभग 12:00 बजे सत्याग्रही पैदल प्रदर्शन करते हुए अलीपुर में डी. एम. कार्यालय पहुंचेंगे, और डी एम के मार्फत प्रधानमंत्री के नाम मांग एवं ज्ञापन पत्र सौंपते हुए, आगामी आमरण-अनशन आंदोलन को डी. एम. कार्यालय के बाहर जारी रख आंदोलन को तेज करेंगे।उन्होंने बताया कि आरक्षण विरोधी संगठन पार्टी व आरक्षण विरोधी राष्ट्रभक्त मित्रों का समर्थन, सहयोग के लिए समर्पित किया जा रहा है।आंदोलन हेतू समर्थन लगातार बढ़ रहा है। आज दिल्ली से वरिष्ठ आरक्षण विरोधी सर्वेश मिश्रा, संजय शुक्ला सहित सोनीपत से योगेश सिंगला ने अनशन स्थल पर पहुंच कर आंदोलन का समर्थन किया। इस मौके पर नियमित सत्याग्रही रामबरण सिंह, राकेश धारीवाल व देवेन्द्र मलिक भी मौजूद रहें। ऐसे राष्ट्रीय सवर्ण समाज संघ बिहार प्रदेश अध्यक्ष सह कलमकार कुमार चन्द्र भुषण तिवारी के द्वारा भी दुरभाष के माध्यम से इन मांगो हेतु सामाज व देश हित में समर्थन किया गया। कलमकार के द्वारा कहा गया कि यदि आप संविधान व लोकतंत्र को मानते हैं, तो क्यों न सभी को सामान्य अवसर प्रदान किया जाएं। सभी के लिए सामान्य नीति होना चाहिए जाति से कोई अमीर या गरीब नहीं होता। और जब आप लोकतंत्र को मानते हैं, तो सभी को सामान्य अवसर दीजिए लोग चयनित करेंगे उनका तंत्र है, आप क्यों जाति से चयनित कर रहे हैं। आपको जो जनता चुनकर भेज रही है उनके ऊपर तो छोड़िए, जनता मूर्ख नहीं वह खुद ही अपना नायक चुनेगा। और संसद में बैठे लोग ही मात्रा तंत्र हैं तो यह तो लोकतंत्र व संविधान का दुर्भाग्य है।

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