श्रमजीवी संघटना ने बुनियादी अधिकारों की मांग को लेकर तहसीलदार कार्यालय पर किया विरोध प्रदर्शन

भिवंडी।। भिवंडी शहर और ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में रहने वाले आदिवासी समुदाय आज कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।  अपनी विभिन्न बुनियादी मांगों को लेकर श्रमजीव संगठना के नेतृत्व में भिवंडी तहसीलदार कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना आंदोलन किया। तालुका के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आदिवासी पाड़ों तक संपर्क सड़क बनाने और आंतरिक सड़कें बनाने को तुरंत मंजूरी देने, जिन आदिवासी पाड़ों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। वहां स्थायी रूप से प्रचुर और पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने, कई क्षेत्र आज भी बिजली से वंचित है। उन क्षेत्रों में बिजली पहुँचाने की मांग की है। इसके आलावा ग्राम पंचायतें और महानगर पालिका क्षेत्रों में जिन परिवारों की संपत्तियों पर कर नहीं लगाया गया है। उन पर कर लगाया जाना चाहिए और उनके नाम की घरपट्टी जारी किया जाना चाहिए। तालुका में स्वीकृत वन दावेदारों में से 7/12 को पंजीकृत किया जाना चाहिए और 7/12 को वन दावेदारों को तुरंत वितरित किया जाना चाहिए। लंबित वन दावों की खोज की जानी चाहिए और तुरंत निपटारा किया जाए। वंचित आदिवासी परिवारों को जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, घरकुल योजना दी जायें। ऐसे तमाम मांगो को लेकर ठाणे जिला कातकरी इकाई प्रमुख जयेंद्र गावित, तालुका प्रमुख आशा वाघे, भिवंडी शहर प्रमुख गुरुनाथ वाघे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने तहसीलदार अधीक पाटिल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस आंदोलन में श्रमजीवी संगठना के पदाधिकारी दशरथ भालके, सुनील लोणे, सागर देसक, जया पारधी, अंकुश जाधव, अमोल मुकने,राजेश चन्ने, नारायण जोशी, दुष्यन्त घायवाट आदि पदाधिकारी सहभागी  हुए थे।तहसीलदार कार्यालय के सामने दिन भर चले इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों आदिवासी महिला-पुरुष मौजूद थे।

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