ग्रामीणों ने दिया पालिका आयुक्त को अल्टीमेटम

एक सप्ताह में बंद करे कचरा ड्रंप का काम

भिवंडी।। शहर से रोज निकलने वाले सैकड़ों टन कचरा पालिका प्रशासन के लिए चुनौती बना है। आखिर यह कचरा कहां ड्रंप किया जाये इस विकट समस्या का समाधान निकालने में कई वर्षों से पालिका प्रशासन पूरी तरह से विफल रही है। वही पर ग्रामीणों ने कई बार कचरा डालने पर अपना विरोध जता चुके है। चविद्रा इलाके में मनपा द्वारा बनाए गये अस्थायी रूप से डंपिंग ग्राउंड में कचरा डालने पर एक बार फिर स्थानीय लोगो के विरोध के बाद नौ नवंबर से बंद हो गया था। डंपिंग ग्राउंड बंद होने के कारण शहर में कचरा का अंबार लग गया था। पालिका के वर्तमान प्रशासक एवं आयुक्त अजय वैद्य ने चाविंद्रा गाव विकास समिती के साथ बैठक की। इस बैठक में ग्रामीणों ने एक सप्ताह की मोहलत यानी आगामी 22 नवंबर तक कचरा डालने की अनुमति दी है। लेकिन इसके पहले ही मनपा प्रशासन को इसका स्थाई समस्या निकालना चुनौती बन गया है। इस विकट समस्या के समाधान खोजने की पहल फिलहाल प्रशासन ने शुरू किया है।

गौरतलब हो की भिवंडी मनपा प्रशासन द्वारा पिछले 10 वर्षो से स्थानीय गायत्री नगर के रामनगर इलाके के सिटी सर्वे नंबर 106 के 5000 चौरस मीटर जगह कोें डंपिंग ग्राउंड बना कर वहां पर शहर में निकलने वाले तक़रीबन 550 टन कचरा रोजाना डंप किया करती है। जबकि यह जमीन सिटी पार्क के लिए आरक्षित है। इस डंपिंग ग्राउंड पर मनपा स्वास्थ्य विभाग न तो कीटनाशक दवा का छिड़काव करती है और नहीं ही अन्य नियमो का पालन करती है। बल्कि डंप लिए जाने वाले कचरे को जला दिये जाते थे। डंपिंग ग्राउंड से उठने वाली दमघोटू बदबू व धुंआ ने स्थानीय लोगो का जीना ही मुश्किल कर दिया है। जिसके कारण रामनगर, अपनानगर, फतमानगर, गायत्रीनगर के लोगों ने चाविंद्रा गाव विकास समिती के बैनर तले तीन पूर्व नगरसेवकों के नेतृत्व में गुरुवार को सड़क पर उतरकर डंपिंग ग्राउंड में कचरा फेंकने का जोरदार विरोध करते हुए डंपिंग ग्राउंड बंद करा दिया था। जिसके कारण प्रशासन द्वारा शहर में कचरा नहीं उठाया जा रहा था। पूरे शहर में जगह जगह कचरे का अंबार लग गया था। जिससे उठने वाली बदबू ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया था। जिसके बाद दिवाली के दूसरे दिन मनपा आयुक्त अजय वैद्य,स्वास्थ्य अधिकारी हेमंत गुलवी,सहायक आयुक्त सुदाम जाधव व जनसंपर्क अधिकारी मिलिंद पलसुले के साथ खुद डंपिंग ग्राउंड पर पहुंचकर डंपिंग ग्राउंड में कचरा डालने का विरोध करने वाले चाविंद्रा गाव विकास समिती के लोगों के साथ बैठक कर उनसे हर पहलू पर चर्चा किया। वही पर ग्रामीणों ने आयुक्त सहित पालिका अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया कि 22 नवंबर तक इसका समाधान नहीं निकला तो पालिका प्रशासन के खिलाफ एक बार फिर आन्दोलन किया जायेगा।

शहर में रोजाना निकलने वाले कचरे को डंप करने के लिए खुद का डंपिंग ग्राउंड पालिका के पास नही है। हालांकि सूत्र बताते है कि स्थानीय दापोड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत न्यायालय के आदेश पर महाराष्ट्र शासन ने कई वर्ष पूर्व भिवंडी मनपा क्षेत्र में निकलने वाले कचरे को डंप करने के लिए डंपिंग ग्राउंड हेतु 25 एकड़ ज़मीन आरक्षित किया था।जहां पर अधिकारियों से मिलकर कई बिल्डरों ने अपना कब्जा जमा रखा है। साथ ही गांव वालों ने डंपिंग ग्राउंड के विरुद्ध मुहिम चलाकर डंपिंग ग्राउंड शुरू होने से पहले ही इसे हमेशा के लिए बंद करा दिया था। उक्त आरक्षित ज़मीन को कब्ज़े में लेने के लिए मनपा की तरफ से कोई सार्थक प्रयास नही किया गया।

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