
भिवंडी पालिका के अधिकारियों का डबल चार्च बना शहर के विकास का रोड़ा
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Nov 19, 2023
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मनचाहा पद लेना है तो देना पड़ेगा चार्ज
भिवंडी।। भिवंडी शहर महानगर पालिका में कर्मचारियों की कमी के कारण कई कर्मचारियों को प्रभारी अधिकारी बनाकर दो से तीन विभागों का चार्ज सौंप दिया गया है। संबंधित कार्यालयों में समय पर अधिकारियों की उपस्थिति ना होने से नागरिकों के मूलभूत कार्य अधर में लटके है। छोटे से एक काम के लिए नागरिकों को सैकड़ों बारबार कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ रहा है। पालिका प्रशासन के पास स्वच्छता विभाग में सक्षम अधिकारी ना होने के कारण शहर की साफ सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। प्रभाग समितियों से लेकर प्रमुख विभागों में क्लर्क दर्जे के कर्मचारी कार्यभार संभाल रहे है। पालिका मुख्यालय में जिस कर्मचारी पर मुखिया मेहरबान, उसे दो से तीन विभागों की जिम्मेदारी और जिसे नाराज़ उसे मूल पद पर नियुक्ति कर दिया जा रहा है। प्रशासक काल में उम्मीद की जा रही थी कि शहर का विकास तेज गति से होगा। पालिका मुख्यालय में फैले भष्ट्राचार पर ब्रेक लगेगा। नागरिकों के महत्वपूर्ण कार्यों का जल्द निपटारा मिलेगा। किन्तु लगभग दो वर्षों से चल रहे प्रशासक काल में नागरिकों के उक्त आशाओं पर पानी फिर गया है।
सुत्रों की माने पालिका सेवा जेष्ठा श्रेणी में कई वरिष्ठ एवं ईमानदार क्लर्कों को जानबूझकर विभागों की जिम्मेदारी नहीं दी जाती है। इसके विपरीत जो जितना बड़ा फ़ांदेबाज उसे उतने विभागों का जिम्मेदारी दी जाती है। इसके लिए उन्हें एक निजी टारगेट पर कार्य को अंजाम देना पड़ता है। शहर में चर्चा व्याप्त है कि विद्यमान प्रशासक भी रिश्वतखोर एवं गैर इरादतन हत्या के आरोपी, लोचेबाज, ठेकेदार पद्धति से काम करने वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता देते है। कुछ तथाकथित पत्रकार भी चाटुकारता कर ठेकेदारों का लोचे लपेटे वाले पुराने बिल पास करवाकर मोटी कमाई करने में जुटे हुए है। ऐसे चाटुकार प्रतिष्ठित पत्रकारों को नीचा दिखाने के लिए अधिकारियों के कानों में मच्छर की तरह चौबीस घंटे भनभानते रहते हैं। इन दिनों पालिका मुख्यालय में गुरू का चर्चा सर्वाधिक है। कर्मचारियों की बदली, रूका हुआ ठेकेदारों का पुराना बिल गुरू का आर्शीवाद मिला तो झटके में बदली फिर बदली और बिल पास हो जाते है। इन्ही गुरू का आर्शीवाद कर्ई लोचेबाज, ठेकेदार, गैर इरादतन हत्या के आरोपी कर्मियों ने उठाकर कर कई विभागों के जिम्मेदारी संभाल रहे है वही पर पालिका प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की कमी का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। प्रशासक के खिलाफ नागरिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण अब नागरिक सड़क पर बैठकर आन्दोलन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
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