28 मार्च को होगा भिवंडी में छत्रपति शिवाजी महाराज मंदिर का उद्घाटन

सप्ताह भर चलेंगें विविध धार्मिक कार्यक्रम

भिवंडी।। राज्य में छत्रपति शिवाजी महाराज के पहले मंदिर का निर्माण भिवंडी तालुका के मराडे पाड़ा में किया जा रहा है। आगामी शिवजयंती के दिन यानी तिथिनुसार 28 मार्च को मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा और भव्य उद्घाटन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। शिवक्रांति प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष राजूभाऊ चौधरी ने बताया कि 4 मार्च 2018 को मंदिर बनाने के लिए भूमिपूजन किया गया था। हालांकि बीच में कोरोना संकट के कारण मंदिर निर्माण में थोड़ी देरी हुई। लेकिन काम और तेजी से चल रहा है और यह मंदिर सिर्फ पूजा स्थल नहीं बल्कि एक शक्तिपीठ हो। इसलिए मंदिर के प्रांगण में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन संबंधी घटित घटनाओं का चित्रण किया गया है। जो सभी समाज के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगी। यह संकल्प लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज मंदिर का निर्माण किया गया है।

गढ़कोट किले जैसा दिखाने के लिए डेढ़ एकड़ क्षेत्रफल में महाराज के मंदिर का निर्माण किया गया है और चारों दीवारों को किला नुमा डिजाइन के साथ साथ भव्य प्रवेश द्वार बनाया गया है। दीवारों में कुल 36 चित्रों महाराज के जीवन काल संबंधी मराठी, हिंदी और अग्रेजी तीन भाषाओं में जानकारी दर्शाया जायेगा। यह मंदिर बल्कि गुरुकुल शैली की शिक्षा सुविधा और एक शस्त्र प्रशिक्षण केंद्र भी शुरू करने की इच्छा शिवक्रांती प्रतिष्ठान के संस्थापक व अध्यक्ष राजूभाऊ चौधरी ने पत्रकार परिषद आयोजित कर दी है। 

ह.भ. प.कैलाश महाराज निचिता के बताया कि महाराज की मूर्ति अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मूर्तिकार अरुणयोगी राज द्वारा अखंड काले पत्थर से मैसूर में निर्माण करवाया जा रहा है। तालुका के मराठे पाडा में निर्माणाधीन मंदिर का किल डेढ़ एकड़ क्षेत्र भूमि है। इस भूमि के बीच में भव्य मंदिर के आलावा मंदिर परिसर में 25 हजार वर्ग फीट में सभा मंडप बनाया गया है। मूर्ति में चैतन्य कैसे होगी। इस विषय में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वैदिक और पौराणिक ब्राह्मणों द्वारा पवित्र पूजा के साथ मूर्ति स्थापित किया जायेगा। इससे पहले स्थानीय कलाकार, शिवचरित्र व्याख्यान, इतिहासकार, कीर्तन आदि कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रमुख सरदार मावले के वंशजों और विभिन्न मठों के शंकराचार्यों को आमंत्रित किया जायेगा। इस दरम्यान प्रतिष्ठान के पदाधिकारी ह.भ.प.कैलास महाराज निचिते, मंदिर निर्माण ठेकेदार श्रीकांत गायकर, मंदिर वास्तुकार विशाल पाटिल, कानूनी सलाहकार पंढरीनाथ हुलावले सहित ट्रस्टी और फाउंडेशन के सदस्य उपस्थित थे।

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