कारिवली ग्राम पंचायत के ग्रामविकास अधिकारी के मनमानी के कारण ग्रामीण नागरी सुविधाओं से वंचित।

पूर्व उपसरपंच ने मुख्यमंत्री से की शिकायत।

संवाददाता, भिवंडी ।भिवंडी तालुुका के कारिवली ग्रामपंचायत के ग्रामविकास अधिकारी हिरामन तरवारे की मनमानी व भ्रष्ट कार्यभार के कारण विकास में बाधाा निर्माण हुुआ  है जिससेे ग्राामीण नागरी सुविधाओं से वंचित हैं ।इसलिए  बेशिस्त ,भ्रष्ट ग्रामविकास अधिकारी की वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच कर कार्रवई करने के लिए मांग ग्रामपंचायत के पूर्व उपसरपंच तथा  सदस्य योगेश पाटिल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कई है।वहीं ज्ञापन में कहा  कि कार्यपद्धती भ्रष्ट ,गैरव्यवहारी व जनविरोधी होने से स्थानिक ग्रामीणों को नागरी सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही  है। ग्रामपंचायत के कामकाज के लिए  हिरामन तरवारे यह सप्ताह में केवल दो दिन ही कार्यालय में आकर दो से तीन घंटे जैसे तैसे काम कर के निकल जाते हैं।इसलिए कार्यालय के लिपिक ,कर्मचारी व सफाई कर्ममचारियों पर किसी प्रकार का अंकुश नहीं है। उक्त प्रकार से मनमाने कार्यभार के कारण कर्मचारी  घर बैठकर वेतन ले रहे हैं। गौरतलब है कि शासन के निर्देशानुसार चारों तरफ स्वच्छ भारत अभियान स्तर पर जारी है,परंतु ग्रामविकास  की उदासीनता के चलते ग्रामपंचायत क्षेत्र में अस्वच्छता निर्माण हुुआ है।कई जगह तो गटर टूटी फूटी है। रास्ते की साफसफाई नहीं हो रही है कीटनाशक पावडर व दुर्गंधी नाशक औषध का छिडकाव नहीं किया जा रहा है जिसकारण संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढते जा रहा है।जिसकी सारी जिम्मेदारी ग्रामविकास अधिकारी तरवारे की हैै। इसी प्रकार मनमानी कार्यभार के चलते ग्रामसभा व मासिक सभा नियमित रूप से नहीं लेना ,विनाकारण मासिक सभा स्थगित करना ,ग्रामीणों के लिखित शिकायत पर योग्य कार्रवाई करने के लिए टालमटोल करना  ,मासिक सभा के इतिवृत्त व   प्रस्ताव लिखने में लापरवाही करना व आदिवासी ,दलित जनसमुदाय बस्ती के लिए अर्थसंकल्पीय प्र्रस्तवके अनुसार  १५ प्रतिशत निधि खर्च करने में टालमटोल करना  व राष्ट्रीय पुरूषों  की जयंती व पुण्यतिथि कार्यक्रम टालने आदि अक्षम्य काम तरवारे कर रहे हैं। इसी प्रकार  जनसुविधा अंतर्गत गांव में किए गए भूमिगत गटर का बांधकाम आधा अधूरा किए जाने के बाद भी ठेकेदार ओम कन्स्ट्रक्शन कंपनी से सांठगांठ करके १ करोड रुपए का भुगतान कर दिया है तथा दुरुस्ती के नाम पर पुन: इसी ठेकेदार को १३ हजार ५०० रुपए का भुगतान किया गया है। उक्त सभी कार्यभार भ्रष्ट व बेशिस्त रूप से करने वाले इस ग्रामविकास अधिकारी की जांच कर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई कराने के लिए मांग पूर्व उपसरपंच योगेश पाटिल ने मुख्यंमत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत कर की है।                               

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