फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट के साथ दिया जायेगा विशेष चप्पल : सिविल सर्जन

- जिला मुख्यालय में फाइलेरिया और एमएमडीपी को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन

- एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम व वीबीडीएस को दिया गया प्रशिक्षण

बक्सर ।।  जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य समिति प्रयासरत है। जिसके लिए फाइलेरिया प्रबंधन को लेकर जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, हेल्थ मैनेजर, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक और वेक्टर जनित रोग सुपरवाइजर के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने अपने संबोधन के साथ किया। सिविल सर्जन डॉ. सिन्हा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया उन्मूलन के साथ साथ फाइलेरिया से ग्रसित हो चुके मरीजों के प्रभावित अंगों के प्रबंधन पर ज्यादा जोर दे रहा है। जिससे मरीजों की परेशानी कम की जा सके। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक सैकड़ों मरीजों के बीच में एमएमडीपी किट का वितरण किया जा चुका है। जिसमें अब चप्पल भी जोड़ा जा रहा है। इसके लिए विभाग से चप्पल की मांग की गई है। जिसकी उपलब्धता होते ही मरीजों को चप्पल का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी एमओआईसी अपने अपने क्षेत्रों के ग्रेड तीन और उससे ऊपर के मरीजों की लाइन लिस्टिंग तैयार रखें। जिससे एमएमडीपी किट के साथ उन्हें चप्पल दिया जा सके।

मरीजों का बनाया जा रहा है निःशक्तता प्रमाण पत्र :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि विभाग के निर्देशों के अनुसार जिले में फाइलेरिया मरीजों के बीच निःशक्तता प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। लेकिन, इसमें एक बात का ध्यान रखना है कि इसकी स्वीकृति जिला प्रशासन द्वारा गठित मेडिकल टीम के माध्यम से दी जाती है। यदि फाइलेरिया के कारण किसी मरीज का प्रभावित अंग अगर 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकृत हो चुका हो तो उसे ही निःशक्तता प्रमाण पत्र की स्वीकृति प्रदान की जाती है। इसलिए वीबीडीएस अपने क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों के बीच इसकी सूचना का प्रचार प्रसार करें। ताकि, जो पात्र मरीज हैं केवल वही इसके लिए आवेदन करें। उन्होंने बताया कि सभी प्रखंडों में नियमित रूप से एमएमडीपी क्लिनिक का संचालन करना है। साथ ही, हेड्रोसिल के मरीजों का भी ऑपरेशन किया जाए। जिससे मरीजों को योजनाओं का लाभ दिया जा सके।

लोगों को करें मच्छरों से बचने के लिए जागरूक :

पीरामल स्वास्थ्य के वीएल डीपीओ चंदन प्रसाद ने बताया कि फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा। लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर्स के माध्यम घर के आसपास व अंदर साफ-सफाई रखने की अपील की जाए। पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। पूरी बाजू के कपड़े पहनकर रहें। सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगाएं। सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें। पीने के पानी को ढंक कर रखें। हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो फिर उसे साफ रखें। साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवाई लगा लें। मच्छरों से बचाव भी फाइलेरिया से बचाव का एक प्रमुख माध्यम है।

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