तोड़क कार्रवाई का फोटो सेंसन करवाकर थपथपा रही है पीठ

अकबर की मौत का नहीं मिला इंसाफ

आयुक्त सहित नियंत्रण अधिकारी व संबधित अधिकारियों पर मनुष्य वध का केस दर्ज करने की मांग

भिवंडी। भिवंडी के शास्त्रीनगर इलाके में एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार को सड़क किनारे अपने ठेले पर रेडीमेट कपड़े बेच रहे मोहम्मद अकबर की मौत उस समय हो गई जब एक अवैध निर्माण के दौरान तीसरी मंजिल से भारी टाली उसके ऊपर गिर पड़ी। इस हादसे के बाद स्थानीय नागरिकों ने पालिका के भ्रष्ट अधिकारियों पर सवाल उठाए है जिनकी लापरवाही के चलते इस अवैध निर्माण को संरक्षण मिला हुआ था।

शास्त्रीनगर में चल रहे इस अवैध निर्माण को न केवल बिना अनुमति के किया जा रहा था, बल्कि सुरक्षा के किसी भी मानक का पालन नहीं किया गया था। पांच मंजिला इस अवैध इमारत के निर्माण के दौरान गलियों की संकरी हालत के बावजूद वहां सुरक्षा इंतजाम नदारद थे। तीसरी मंजिल तक निर्माण सामग्री पहुंचाने के लिए बिना किसी सुरक्षा के देसी तरीके से लगाई गई टाली अचानक टूट कर अकबर के ऊपर गिर गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 

प्रशासन की अनदेखी और भ्रष्टाचार के आरोप ::::::

स्थानीय नागरिकों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस अवैध इमारत का निर्माण पालिका के अधिकारियों के संरक्षण में किया जा रहा था। यह आरोप है कि इस अवैध निर्माण के हर स्लैप के लिए लाखों रुपये की रिश्वत वसूली जा रही थी। बावजूद इसके, प्रभाग समिति के अधिकारियों ने न तो कोई नोटिस जारी किया और न ही कोई कार्रवाई की। बीट निरीक्षक संदीप जाधव इस मामले से अनभिज्ञ होने का दावा करते है जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

दिखावे की कार्रवाई पर पीठ थपथपा रहा प्रशासन::::::

घटना के बाद भिवंडी महानगर पालिका प्रशासन  ने आनन-फानन में चौथे मंजिल की सेंटिंग खोलने का दिखावा किया और कार्रवाई का फोटोग्राफ सोशल मीडिया पर साझा कर अपनी पीठ थपथपाई। लेकिन नागरिकों का आरोप है कि यह महज एक दिखावा था और वास्तविक रूप से कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए। अगले दिन शाम को फिर से इस अवैध निर्माण का खेल जारी रहा, जिससे यह साफ हो गया कि प्रशासन की कार्रवाई केवल दिखावे तक ही सीमित रही।

अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग :::::::

"मी भिवंडी कर" संस्था के अध्यक्ष खान फकरे आलम ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, ठाणे पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए पालिका के आयुक्त अजय वैद्य, अतिरिक्त आयुक्त देवीदास पवार, उपायुक्त शैलेन्द्र दोंदे और नियंत्रण अधिकारी सुदाम जाधव सहित अन्य संबंधित अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या और एमआरटीपी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस पूरे प्रकरण में अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते अकबर की जान गई है और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। इस हादसे ने पालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है।

रिपोर्टर

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