भिवंडी कांग्रेस में पैराशूट उम्मीदवार का बवाल

52% मुस्लिम मतदाताओं के बीच कांग्रेस के फैसले पर आक्रोश


भिवंडी।  भिवंडी पश्चिम विधानसभा सीट पर कांग्रेस द्वारा ग्रामीण नेता दयानन्द चोरघे को उम्मीदवार बनाए जाने से स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। शहर के 52% मुस्लिम बहुल मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में, बाहरी और अनजान नेता को टिकट देने के बाद पार्टी के कार्यकर्ता खुलकर विरोध में उतर आए हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चोरघे का इस सीट पर कोई जनाधार नहीं है और टिकट पैसे के बल पर हासिल किया गया है।

स्थानीय नेता और कार्यकर्ता लंबे समय से यहां मुस्लिम नेता या जनाधार वाले स्थानीय चेहरे की मांग कर रहे थे। भिवंडी की जनता के बीच लोकप्रिय पूर्व महापौर विलास आर. पाटिल,  रशीद ताहिर मोमिन, आस्मां जव्वाद चिखलेकर, रानी अग्रवाल और तल्हा मोमिन का नाम प्रमुख दावेदारों में था। पूर्व महापौर विलास आर.पाटिल जिन्हें उनके 10 सालों के विकास कार्यों और जनता के विश्वास के कारण उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था। परंतु कांग्रेस द्वारा पैराशूट उम्मीदवार के तौर पर चोरघे का नाम सामने आते ही कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा।

शिवाजी चौक और दिवानशाह रोड पर रातभर कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। कांग्रेस के स्थानीय शहर अध्यक्ष रसीद ताहिर मोमिन ने स्थिति को संभालने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन उन्हें अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। विरोध में शामिल कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी ने अगर जल्द ही अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो इस चुनाव में कांग्रेस को उनके समर्थन की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए।स्थानीय जनता और कार्यकर्ताओं का मानना है कि बाहरी नेता की उम्मीदवारी पार्टी के लिए यहां एक बड़ा जोखिम साबित हो सकती है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यदि कांग्रेस जल्द समाधान नहीं निकालती तो भिवंडी में यह असंतोष पार्टी की साख को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी को यहां मजबूत पकड़ बनाए रखने की जरूरत है।

रिपोर्टर

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