
भिवंडी पूर्व शिवसेना का गढ़, अपक्ष चुनाव की तैयारी – विश्वास थले
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Oct 27, 2024
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पदाधिकारी समर्थन के लिए मातोश्री रवाना
भिवंडी। शिवसेना (उद्धव गुट) के जिला प्रमुख विश्वास थले ने भिवंडी के अजय नगर स्थित पार्टी कार्यालय में हुई बैठक के दौरान दावा किया कि भिवंडी पूर्व और शाहपुर विधानसभा क्षेत्र शिवसेना के पारंपरिक गढ़ है। उन्होंने कहा कि यदि इन सीटों पर शिवसेना के मशाल चिन्ह वाले उम्मीदवार को टिकट नहीं मिलता है तो शिवसेना अपक्ष चुनाव लड़ेगी। थले के अनुसार, शिवसैनिकों ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। भिवंडी पूर्व सीट पर शिवसेना का मजबूत इतिहास रहा है। वर्ष 2009 और 2014 में रूपेश दादा म्हात्रे इस क्षेत्र से विधायक चुने गए और उनके विकास कार्य आज भी लोगों के मन में बसे हुए हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में शिवसेना के उम्मीदवार रूपेश म्हात्रे बहुत
कम वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। जिसमें सपा द्वारा फैलाऐ गये धार्मिक ध्रुवीकरण भी एक कारक था।लेकिन अभी भी म्हात्रे को दोनों समुदायों के बीच व्यापक समर्थन प्राप्त है। थले ने कहा कि शिवसेना इन सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी और यदि पार्टी चिन्ह नहीं मिला, तो अपक्ष चुनाव लड़ने के लिए भी पूरी तरह तैयार है।
इसी मांग को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) के सभी पदाधिकारी बड़ी संख्या में मातोश्री की ओर रवाना हुए हैं। शिवसैनिकों का कहना है कि यह सीट दो बार शिवसेना के पास रही है और 2019 में मामूली मतों से हार हुई थी। पार्टी में विभाजन के बाद भी शिवसैनिकों ने मशाल चिन्ह को लेकर संघर्ष जारी रखा है।जिला प्रमुख विश्वास थले ने इस मौके पर कहा कि भिवंडी पूर्व की सीट शिवसेना का गढ़ रही है और यदि पार्टी ने इसे दरकिनार किया, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर शिवसेना (उद्धव गुट) ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार को मौका नहीं दिया, तो वे अपक्ष चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
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