
भिवंडी की राजनीति का 'डबल स्टैंडर्ड'।? विरोधी नेता मंच पर डांस कर रहे हैं एक साथ !
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Nov 16, 2024
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भिवंडी। भिवंडी की राजनीति में स्वार्थ और अवसरवादिता का सबसे शर्मनाक चेहरा सामने इस विधानसभा चुनाव में खुल कर आ रहा है। जो नेता कल तक एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगल रहे थे, आज एक ही मंच पर ठुमके लगाते नजर आ रहे है यह राजनीतिक 'तमाशा' मतदाताओं को भ्रमित कर रहा है और भिवंडी के विकास को गहरी खाई में धकेल रहा है।
विधानसभा चुनाव की गर्मी में, भिवंडी के मतदाता यह देखकर स्तब्ध है कि कट्टर विरोधी नेता अब मंच पर गलबहियां करते नजर आ रहे है। एक तरफ मंच पर डांस, तो दूसरी तरफ जनता से वोट के लिए गंभीर अपील – यह विरोधाभास भिवंडी की राजनीति की असलियत उजागर करता है।
भिवंडी पूर्व विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार रईस कासम शेख को लेकर पार्टी में अंदरूनी कलह चरम पर है। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने खुलकर बगावत कर दी है और अपने उम्मीदवार का प्रचार छोड़कर भिवंडी पश्चिम के सपा उम्मीदवार रियाज शेख का समर्थन कर रहे है। मतदाताओं के बीच रईस शेख की लोकप्रियता लगातार गिर रही है और आज़मगढ़ व बस्ती के मतदाता खुलकर नाराजगी जता रहे है।
महाराष्ट्र सपा प्रमुख अबू हासिम आज़मी, जो खुद चुनावी मोड में हैं, ने भिवंडी की दोनों सीटों से दर किनारा कर लिया है। उनकी अनुपस्थिति ने सपा के लिए स्थिति और खराब कर दी है। वहीं, रईस शेख के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है और उनके अपने कार्यकर्ता अब पश्चिम सीट पर रियाज आज़मी के समर्थन में भीड़ जुटाने में लगे हैं।
नेताओं की इस 'दोगली' राजनीति ने भिवंडी के विकास को हाशिये पर धकेल दिया है। प्रशासनिक कार्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है और शहर के मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। एक स्थानीय निवासी ने तंज कसते हुए कहा, "नेता तो अब मंच पर नाच रहे हैं, लेकिन जनता के दर्द पर किसी का ध्यान नहीं है।"
चुनाव से पहले एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होने वाले नेता अब मंच साझा कर रहे है। सवाल उठता है, क्या भिवंडी के मतदाता इन स्वार्थी नेताओं को सबक सिखाएंगे ? या यह नाटक यूं ही चलता रहेगा ?। भिवंडी की जनता को अब अपनी आंख, कान और नाक तीनों खोलने की जरूरत है। राजनीति के इस दोगले चेहरे को पहचानना जरूरी है, वरना यह खेल चलता रहेगा और विकास केवल सपने में ही रह जाएगा।
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