बीड के सरकारी अस्पताल में नकली दवाओं का खुलासा, भिवंडी से जुड़े तार
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Dec 08, 2024
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भिवंडी। बीड जिले के अंबेजोगाई स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ ग्रामीण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नकली दवाओं का बड़ा खुलासा हुआ है। मामले की जांच में पता चला है कि यह नकली दवा भिवंडी से सप्लाई की गई थी। इस सिलसिले में भिवंडी के नारपोली स्थित ॲक्वेटीस बायोटेक प्रा. लि. के संचालक मिहिर त्रिवेदी और द्विती सुमित त्रिवेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बीड के औषध निरीक्षक ने अस्पताल में उपलब्ध अज़ीमसीम 500 टैबलेट का नमूना मुंबई की सरकारी औषध परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा था। रिपोर्ट में यह दवा नकली पाई गई। यह टैबलेट उत्तराखंड की एक फर्जी कंपनी म्रीस्टल फॉर्मुलेशन से बनाई गई बताई गई थी, जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं है। जांच में आगे पता चला कि यह दवा कोल्हापुर की विशाल एंटरप्राइजेस ने भिवंडी और सूरत स्थित कंपनियों से खरीदी थी। भिवंडी की ॲक्वेटीस बायोटेक प्रा. लि. और सूरत की फार्मासिक्स बायोटेक इस नेटवर्क में शामिल पाई गईं। भिवंडी की कंपनी ने यह दवा मिरा रोड की काबीज जनरिक हाउस से खरीदी थी, जिसने इसे देहरादून की एक कंपनी से प्राप्त बताया। हालांकि, जांच में यह खुलासा हुआ कि देहरादून में ऐसी कोई कंपनी मौजूद नहीं है।इस मामले में अब तक चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस नकली दवाओं के उत्पादन, कच्चे माल और वितरण के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि मिरा रोड स्थित कंपनी के मालिक को पहले भी नकली दवा के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। इस पूरे मामले से संकेत मिलता है कि नकली दवाओं का एक बड़ा अंतरराज्यीय रैकेट काम कर रहा है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इन नकली दवाओं का उत्पादन कहां हुआ और इनकी पैकेजिंग सामग्री कहां से लाई गई।
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