नोडल पदाधिकारी हरप्रीत कौर ने भगवानपुर थाने में लगायी जनता दरबार देखी कुल 38 समस्यातमक आवेदन

कैमुर- गुरुवार को स्पेशल ब्रांच की डीआईजी सह पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रतिनियुक्त की गईं कैमूर पुलिस इंचार्ज सह नोडल पदाधिकारी हरप्रीत कौर गुरुवार की सुबह करीब साढ़े 10 बजे भगवानपुर थाने में पहुंची। जहां उन्होंने जन समस्याओं की सुनवाई को लेकर एक विशेष शिविर का आयोजन किया। जहां फरियादियों द्वारा कुल 38 आवेदन उन्हें सौंपे गए। जिसमें मर्डर में गलत तरीके से फंसाने, दहेज प्रथा में विवाहिता का हत्या करने, रेप, साईबर क्राईम व मारपीट के साथ-साथ ज्यादातर मामले भूमि विवाद से संबंधित थें। पुलिस उप महानिरीक्षक (विशेष शाखा) हरप्रीत कौर को दिए गए आवेदन के माध्यम से भभुआ थाना क्षेत्र की एक महिला ने बताया कि दुष्कर्म के मामले में मैंने थाने को आवेदन दिया था, मगर आजतक  उसपर कार्यवाही नहीं हुई। जिसके बाद सुश्री कौर ने जहां गुहार लगाने वाली महिला को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, वहीं बगल में हीं बैठे एसडीपीओ शिव शंकर कुमार को इस मामले का जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। एक मामला दहेज प्रथा में विवाहिता की गई हत्या से संबंधित था, जिसमें यूपी के चंदौली जनपद के चकिया थाना क्षेत्र अंतर्गत उसरी गांव के श्याम नारायण पांडेय ने स्पेशल ब्रांच की डीआईजी को बताया कि मेरी बेटी की शादी चैनपुर थाना क्षेत्र के सौखरा गांव में हुई थी, जिसकी दहेज के लोभ में उसके ससुराल वालों ने हत्या कर दी थी। इस मामले में मैंने संबंधित थाने की पुलिस को आवेदन भी दिया, मगर उसपर आज तक कार्यवाही नहीं हुई। स्थानीय थाना क्षेत्र के निबियां गांव निवासी विजय शंकर पांडेय उर्फ मंटू पांडेय ने डीआईजी के समक्ष एक साईबर क्राईम से संबंधित मामला आवेदन के माध्यम से रखा। जिसमें बताया कि बीते वर्ष के अक्टूबर माह में मेरे मोबाइल पर फोन आया कि मैं विधुत विभाग का एसडीओ बोल रहा हूं, आप विधुत विभाग का बिल पेमेंट करने के लिए अपने  मोबाइल पर एक एप डाउनलोड करें। जिसके डाउनलोड की प्रक्रिया करने के क्रम में मेरा मोबाइल हैक हो गया और देखते हीं देखते मेरे खाते में पड़े एक लाख 98 हजार 616 रूपए उड़ गए। एक मामला मर्डर से फंसाने से संबंधित अधौरा प्रखंड के जिला पार्षद सदस्य राजकुमार सिंह खरवार उर्फ राजू खरवार का है। जिसके भाई सिकंदर ने पुलिस उप महानिरीक्षक को दिए गए आवेदन में बताया कि अब से करीब एक वर्ष पूर्व लोहरा थाना क्षेत्र के एक गांव के एक व्यक्ति ने सुसाइड कर लिया था। इस मामले में राजनीतिक छवि खराब करने के लिए मेरे बड़े भाई जिप सदस्य राजकुमार सिंह खरवार उर्फ राजू को मर्डर केस में फंसा दिया गया है। इधर शिविर में पहुंचे पढ़ौती पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मटू शुक्ला ने बताया कि हमारे पंचायत के कोचाढ़ी गांव में दुर्गापूजा के दौरान मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन तथा मुहर्रम की ताजिया जुलूस के दौरान रुट को लेकर दो पक्षों में हमेशा से विवाद रहा है, हालांकि इन दोनों हीं अवसरों पर पुलिस प्रशासन द्वारा आयोजित की जाने वाली शांति समिति बैठक के माध्यम से तथा उसके चौकसी से उक्त दोनों हीं त्योहार सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता है, मगर इसका स्थायी समाधान अबतक नहीं हो सका है। वहीं कसेर पंचायत के पैक्स अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने स्थानीय प्रखंड के सभी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम प्रखंड मुख्यालय में सिलापट तैयार कर उसपर अंकित कराने की मांग पुलिस उप महानिरीक्षक (स्पेशल ब्रांच) से की। इसपर गंभीरता से विचार करते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक एच कौर ने कहा कि इसको लेकर मैं डीएम साहब को लिख देती हूं। एक अन्य मामले में भगवानपुर गांव निवासी बिनोद कुमार राम ने बताया कि हमारे गांव के हीं एक युवक द्वारा मूझे रह-रहकर टार्चर किया जाता है, मूझे उसके द्वारा कई बार मारने की धमकी दी चुकी है। जिसको लेकर मैंने थाने को आवेदन भी दिया था, मगर उसपर एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। बाद में एसडीपीओ साहब से गुहार लगाने पर एफआईआर दर्ज तो हो गई, मगर अब तक मूझे उचित न्याय नहीं मिल सका। इस तरह से जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से आए फरियादियों ने आवेदन के माध्यम से डीआईजी हरप्रीत कौर को भूमि विवाद, नाली की समस्या, मारपीट इत्यादि अन्य कई मामलों से अवगत कराया। जिसपर कलम चलाते हुए डीआईजी ने सभी प्रार्थियों को आश्वासन दिया तथा संबंधित अधिनस्थ पदाधिकारियों को समाधान करने के लिए उन्होंने आवश्यक निर्देश दिए। लोगों की गुहार सुनने से पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक हरप्रीत कौर ने इस विशेष शिविर को संबोधित करते हुए उपस्थित फरियादियों व गणमान्य लोगों से कहा कि मैं बीते वर्षों में कैमूर जिले कि क्रमशः एएसपी व एसपी भी रह चुकी हूं, मूझे यहां पुलिसिंग करने का अच्छा-खासा तजुर्बा है। यहां माता मुंडेश्वरी का अति पावन व एतिहासिक धाम है, जिन्हें मैं वर्तमान समय में भी प्रत्येक दिन सुबह-शाम स्मरण करती हूं। फरियादियों की गुहार सुनने के बाद डीआईजी सुश्री कौर ने निलंबित कांडों की समीक्षा करने के साथ थाना परिसर के साफ-सफाई के साथ उससे संबंधित कई अन्य बिंदुओं का निरीक्षण किया। साथ हीं केस के अनुसंधानकर्ताओं को सख्त निर्देश दिया कि संबंधित पुलिस पदाधिकारी पेंडिंग पड़े केसों को यथा शीघ्र फाइनल करें। मिडिया कर्मियों से डीआईजी (विशेष शाखा) सह प्रतिनियुक्त कैमूर पुलिस प्रभारी सह नोडल पदाधिकारी हरप्रीत कौर ने बताया कि यहां 99 प्रतिशत मामले भूमि विवाद से संबंधित मेरे समक्ष आए हैं, जिसके समाधान के लिए मैं हरसंभव कोशिश करूंगी। साथ हीं रेप वाले मामले में एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने की बात पूछने पर उन्होंने कहा कि इस तरह के अत्यंत गंभीर मामले में तत्काल एफआईआर होनी चाहिए, इसके जांच तथा उचित कार्रवाई के लिए मैंने एसडीपीओ शिवशंकर कुमार को निर्देशित किया है। इस अवसर पर पुलिस सर्किल इंस्पेक्टर संतोष कुमार, थानाध्यक्ष उदय कुमार, एडिशनल एसएचओ सुनिल कुमार, सब इंस्पेक्टर गौरव कुमार, दिवाकर गिरी, पुजा भारती, प्रतिभा कुमारी, हरेंद्र पासवान एएसआई कनौजिया व गुरुशरण महतो, विरेन्द्र बहादुर सिंह (मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के कैमूर जिले के प्रशासनिक पदाधिकारी) के साथ-साथ व्यापार मंडल अध्यक्ष अयोध्या प्रसाद सिंह, मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष कमलेश शर्मा, मुखिया सह पैक्स अध्यक्ष उपेंद्र पांडेय, मुखिया अमरेंद्र कुमार सिंह उर्फ चट्टान सिंह, मुखिया उमेश दूबे, मुखिया प्रतिनिधि मंटू शुक्ला, सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह कुशवाहा, उप प्रमुख प्रतिनिधि संजय सिंह उर्फ भोला सिंह, बीडीसी मोतीलाल राम, बीएसपी के प्रदेश महासचिव धीरज सिंह उर्फ भान जी सिंह, पूर्व पैक्स अध्यक्ष जितेंद्र सिंह के साथ कई अन्य पुलिस अधिकारी और गणमान्य तथा एवं फरियादी उपस्थित रहे।

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