
भिवंडी शर्मसार : आगंतुकों का “दुर्गंध” से स्वागत
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- Oct 14, 2025
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राजनोली से कल्याण नाका तक उड़ान पुलों के नीचे कचरे का साम्राज्य!
भिवंडी। भिवंडी शहर का मुख्य प्रवेश द्वार इन दिनों बदबू और गंदगी से भर गया है। राजनोली नाका से लेकर कल्याण नाका तक बने उड़ान पुलों के नीचे खुले में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। सड़क किनारे फैली यह गंदगी न सिर्फ शहर की छवि को खराब कर रही है, बल्कि आने-जाने वाले नागरिकों और आगंतुकों के लिए भी बड़ी परेशानी बन चुकी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि आसपास रहने वाले लोग रोजाना प्लास्टिक में बंद घरेलू कचरा पुल के नीचे फेंक देते हैं। यह कचरा घंटों तक सड़ता रहता है, जिससे उठने वाली दुर्गंध से यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। मच्छर, मक्खियाँ और आवारा जानवरों का जमावड़ा इस समस्या को और बढ़ा रहा है। नगरपालिका ने जगह-जगह बैनर लगाकर खुले में कचरा न फेंकने की चेतावनी दी है, लेकिन इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा। पालिका का दावा है कि नियमित सफाई की जाती है, मगर हकीकत इसके उलट है। पुलों के नीचे रोजाना कचरे के ढेर दिखाई देते हैं, जो कई बार सड़क तक फैल जाते हैं और यातायात बाधित करते हैं। स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि “सफाई कर्मचारी सुबह आते हैं, लेकिन दोपहर तक फिर वही हाल हो जाता है। पालिका की कार्रवाई सिर्फ कागजों और बैनरों तक सीमित है।”
नगरपालिका के आरोग्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कचरा फेंकने वालों पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव तैयार है और जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि नागरिकों का कहना है कि अब वक्त प्रस्तावों का नहीं, बल्कि जमीन पर काम दिखाने का है। राजनोली से कल्याण नाका तक का यह मार्ग शहर का चेहरा है। यहां की गंदगी न केवल भिवंडी की छवि धूमिल कर रही है, बल्कि स्वच्छता अभियान की पोल भी खोल रही है। यदि प्रशासन ने अब भी ध्यान नहीं दिया, तो भिवंडी का नाम स्वच्छ शहरों की सूची में नहीं, बल्कि “गंदगी की मिसाल” के रूप में जाना जाएगा।फिलहाल उड़ान पुलों के नीचे पड़ा यह कचरा, भिवंडी की लापरवाह व्यवस्था और सुस्त प्रशासन का जीवंत प्रमाण बन चुका है।
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