सनातन की आस्था पर टोल की कुल्हाड़ी का प्रहार - संवाददाता की कलम से

दुर्गावती संवाददाता श्याम सुंदर पांडे 

दुर्गावती(कैमूर)-- भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का सपना देखने वाले और हिंदुओं का प्रबल रक्षक की घोषणा करने वाले सरकार के नुमाइंदे जरा राष्ट्रीय राजमार्ग  भारत के किसी भी कोने से आ रहे यात्रियों की तरफ आंखें उठा कर यदि देखें तो सारे यात्री टोल की वजह से ही जहां के तहत फंसे हुऐ होते हैं। यही नहीं रात्रि के समय में रोग से कराहते मरीज अस्पतालों की यात्रा करने में अपना दम बीच में ही तोड़ देते है। सभी राज्यों से टोल वसूली को बंद की बात तो नहीं की जा सकती लेकिन उत्तर प्रदेश की सीमा में जितने भी टोल राज्यों से आते हैं वहां पर छोटे वाहनों से टोल बंदकर देना ही सनातन धर्म के प्रति सच्ची श्रद्धा है। यदि सरकार ऐसा नहीं कर पाती है तो कम से कम छोटे वाहनों से वसूली के लिए एक अलग लेन खाली कर देनी चाहिए जिससे यात्रियों को सुविधा मिल सके, लेकिन छोटे और बड़े वाहनों के मिश्रण से टोल प्लाजा पर महाजाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और सनातन धर्मियों को पूरी रात रोड पर ही गुजारनी पड़ती है। अन्य राज्यों से तो वाहन टोल देते लोग चले आते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की सीमा में सभी जगह की गाड़ियों के इकट्ठा हो जाने से टोल प्लाजा पर महाजाम की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। यदि सचमुच हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म की चिंता सरकार को होती तो यात्री बहनों को टोल से मुक्त रखा जाता जिससे जाम की स्थिति नहीं होती न यात्रियों को रोड पर रातें गुजारनी पड़ती न दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ता, लेकिन सरकार को तो प्यार है टोल टैक्स सनातन धर्म नहीं

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