DSP पर पक्ष-विपक्ष एकजुट सभापति ने भी उठाए गंभीर सवाल


रोहतास। जिला मुख्यालय सासाराम में ट्रैफिक डीएसपी की गोली से युवक की मौत का मामला उठाया गया। जहां विधान परिषद में हंगामा हो गया। निर्दलीय एमएलसी महेश्वर सिंह ने सदन में यह मुद्दा उठाया। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने एकजुट होकर डीएसपी आदिल बेलाल को सस्पेंड करने के बाद मामले की जांच की मांग की। मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर इसकी समीक्षा करेंगे। कठोर कार्रवाई करेंगे। सिर्फ आरोप पर किसी को निलंबित करना ठीक नहीं है। राजद के सुनील सिंह, भाजपा की निवेदिता सिंह, जदयू के गुलाम गौस ने भी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि ट्रैफिक डीएसपी की सर्विस रिवाल्वर से गोली चली है, तब भी तीन माह बाद फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट नहीं आई। डीएसपी का तबादला कर दूसरी जगह पदस्थापित भी कर दिया गया है। पक्ष-विपक्ष के एकमत होने पर सभापति ने भी उनकी मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सब लोग कह रहे हैं। इसके बाद सभापति ने नियमन के तहत निर्देश देते हुए कहा कि पहले डीएसपी को निलंबित करिए। उसके बाद सरकार गंभीरता से इस मामले की जांच कराए। लेकिन, हंगामा नहीं रुका तो सभापति ने नियमन दिया कि पहले डीएसपी को निलंबित करिए, उसके बाद जांच की जाए।

बता दें कि 27 दिसंबर की रात को सासाराम शहर में एक पार्टी कर रहे कुछ युवकों की पुलिस से भिड़ंत हो गई थी। इस दौरान गोली लगने से शिवसागर के सिलारी गांव के बादल कुमार सिंह की मौत हो गई थी। बादल के परिजन ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक डीएसपी आदिल बिलाल ने गोली चलाई थी। मृतक के पिता ने डीएसपी और अन्य पुलिसकर्मियों पर अवैध वसूली के भी आरोप लगाए थे। इस मामले पर सासाराम में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। सासाराम नगर थाने में इस मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में जांच को सीआईडी को सौंप दिया गया। साथ ही आरोपी डीएसपी आदिल बेलाल को पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया गया था। उसके बाद 1 मार्च को आदिल बेलाल को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-10 का डीएसपी के पद पर पोस्टिंग किया गया है।

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