
सीधे व्यापारियों को गेहूं बेचने पर भी किसानों से होगी कालातीत ऋण की वसूली
- राजेंद्र यादव, ब्यूरो चीफ, मध्यप्रदेश
- Mar 22, 2025
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सहयोग नहीं करने पर निरस्त होगा व्यापारियों का पंजीयन
अन्य राज्यों से उपार्जन हेतु जिले में गेहूं की आवक न हो : कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार
राजगढ । मिश्रा ने निर्देश दिए हैं कि कालातीत ऋण धारी किसान यदि उपार्जन व्यवस्था से हट कर कृषि उपज मंडी में सीधे गेहूं बेचते हैं तो व्यापारियों के माध्यम से इनके ऋण की वसूली की जाएगी। उन्होंने सभी बड़े व्यापारियों को कृषि उपज मंडियों के माध्यम से कालातीत ऋण वाले किसानों की सूची उपलब्ध कराने के लिए भी जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने यह भी कहा है कि जो व्यापारी किसानों से ऋण वसूली में सहयोग नहीं करेंगे उनका पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा। सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों की बैठक लेकर उनको आवश्यक हिदायत दे दें।
शनिवार को आयोजित जिला उपार्जन समिति की बैठक में कलेक्टर ने जिले में उपार्जन व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि आगामी दो दिनों में किसानों के रकबा सत्यापन की कार्रवाई पूरी कर ली जाए। उपार्जन व्यवस्था की सघन मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष की भी स्थापना की जाए। नागरिक आपूर्ति निगम उपार्जित गेहूं के परिवहन की व्यवस्था पर पूरी तरह नियंत्रण रखे। परिवहन के लिए पर्याप्त ट्रकों का इंतजाम रहे। परिवहन कार्य में किसी तरह की लापरवाही न हो। उपार्जन केन्द्रों पर बारदानों की पर्याप्त उपलब्धता रहे। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि तुलाई के पूर्व किसानों के घर पर बारदाने न जाएं। जिन उपार्जन केन्द्रों पर खुले में गेहूं भंडारण किया जा रहा है वहां मौसम बिगडने की स्थिति में पर्याप्त तिरपाल मौजूद रहें। कहीं भी पानी से अनाज खराब न हो। कलेक्टर ने प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर चार-चार तौल कांटे भी रखने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रकबा सत्यापन की स्थिति में अवश्य देखें कि ऋणी किसान का रकबा किसी अन्य के नाम पर दर्ज न हो। इसके लिए किसानों की पंजीयन अपडेट की भी जांच कर ली जाए। कलेक्टर ने कहा कि अन्य राज्यों से गेहूं जिले में उपार्जन के लिए न आए इसके लिए जिले की सीमाओं पर नाके भी लगाए जाएं। बैठक में उपार्जन समिति के सदस्य मौजूद थे।
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