युद्धकाल जैसी हालात में 'मौज' पर भिवंडी के डॉक्टर

अजरबैजान दौरा बना विवादों का कारण

भिवंडी।  जहाँ एक ओर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं, वहीं भिवंडी की डॉक्टर असोसिएशन के कुछ सदस्यों का शत्रु देश अज़रबैजान का विदेश दौरा विवादों में घिर गया है. इस "मौज-मस्ती" भरी यात्रा को लेकर स्थानीय नागरिकों में भारी गुस्सा है और कई सामाजिक संगठनों ने इसे देशविरोधी कृत्य करार दिया है.

ज्ञात हो कि पाकिस्तान समर्थक देश तुर्की और अज़रबैजान ने भारत के खिलाफ खुलकर समर्थन दिया है, जिसके जवाब में भारत सरकार ने इन दोनों देशों के साथ अपने सभी करार रद्द कर दिए हैं. बड़ी कंपनियों, व्यापारिक समूहों और ट्रैवल एजेंसियों ने भी इन देशों से अपने व्यावसायिक संबंध तोड़ दिए है। इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने भी आतंकवादी हमलों के बाद इन देशों में अपने सभी निर्धारित दौरे रद्द कर दिए थे.

देश जब सीमाओं पर तनाव का सामना कर रहा है और सैनिक अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, ऐसे समय में भिवंडी के डॉक्टर असोसिएशन के कुछ सदस्यों का पर्यटन के उद्देश्य से अज़रबैजान जाना सवालों के घेरे में है. इस यात्रा से जुड़े वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिससे आम नागरिकों में रोष व्याप्त है।यह डॉक्टर असोसिएशन एक धर्मादाय संस्था के रूप में पंजीकृत है और समाजसेवा तथा स्वास्थ्य शिविरों के नाम पर विभिन्न संस्थाओं और समाजसेवियों से आर्थिक सहायता प्राप्त करती है. ऐसे में यह गंभीर सवाल उठ रहा है कि क्या उसी चंदे और दान के पैसे का इस्तेमाल अज़रबैजान जैसे देश में मौज-मस्ती के लिए किया गया?.

स्थानीय नागरिकों ने धर्मादाय आयुक्त से इस पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है. साथ ही डॉक्टरों की आयकर फाइलें, विदेश दौरे का खर्च, असोसिएशन के सालाना ऑडिट और बैंक खातों की जांच की भी मांग की गई है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कहीं चंदे के पैसे का दुरुपयोग तो नहीं हुआ है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन डॉक्टरों में एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के डॉक्टर सेल के कई पदाधिकारी भी शामिल हैं, जो अक्सर देशभक्ति पर भाषण देते हैं. ऐसे नाजुक समय में उनका शत्रु देश में जाकर मौज-मस्ती करना गंभीर सवाल खड़े करता है और राजनीतिक संरक्षण पर भी संदेह पैदा करता है.

सूत्रों के अनुसार, कई सामाजिक संगठनों ने जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, चैरिटी कमिश्नर और स्वास्थ्य विभाग को लिखित शिकायतें देने की तैयारी शुरू कर दी है.इसके साथ ही यह भी मांग उठ रही है कि जैसे ही ये डॉक्टर भारत लौटें, उन्हें एयरपोर्ट पर ही हिरासत में लिया जाए और पूरे मामले की सघन जांच की जाए. शहर के दक्ष नागरिकों की माने तो देशभक्ति केवल भाषणों से नहीं, बल्कि कर्मों से दिखाई देती है. जब देश संकट में हो, तो हर जिम्मेदार नागरिक और संस्था को संयम और संवेदनशीलता दिखानी चाहिए. भिवंडी के इन डॉक्टरों की हरकत ने न केवल समाज में डॉक्टरों की छवि को धूमिल किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि कुछ लोगों के लिए देशहित से बढ़कर उनकी निजी मौजमस्ती है.

रिपोर्टर

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