भिवंडी में अब रिंग रोड की महत्वाकांक्षी परियोजना को मिलेगी गति,22 साल से रुका था काम

350 करोड़ रुपए की लागत से नौ किमी का होगा रिंग रोड,मार्ग में बना गगनचुंबी इमारत

भिवंडी। भिवंडी में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा विधायक महेश चौघुले की मांग पर 22 वर्षों से लंबित रिंग रोड निर्माण को मंजूरी दिए जाने से शहरवासियों में खुशी व्याप्त है।उक्त रोड के निर्माण की मंजूरी दो दिन पूर्व मुंबई के सह्याद्री शासकीय विश्रामगृह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक में दिया गया।रिंग रोड के निर्माण से न सिर्फ शहर व आस पास के क्षेत्र का विकास होगा,बल्कि यातायात जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी और जानत को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और शहर व ग्रामीण क्षेत्र की कनेक्टविटी बढ़ेगी।                     

पावरलूम नगरी भिवंडी के निकट ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते वेयरहाउसों व गोदामों की संख्या के मद्देनजर भिवंडी नगर पालिका ने शहर में एक रिंग रोड का प्रस्ताव रखा था। लेकिन 22 साल बाद भी इस परियोजना के वास्तविक क्रियान्वयन में सफल नहीं हो सका है।उक्त जानकारी देते हुए विधायक महेश चौघुले ने बताया कि भिवंडी शहर में  350 करोड़ रुपए की लागत से रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।यह 9 किलोमीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा रिंग रोड होगा।जो चाबिंद्रा पोगांव से शुरू होकर पाइपलाइन, अरिहंत सिटी और स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे फ्लाईओवर के समीप से गुजरता हुआ टेमघर, कामतघर फेना गांव से होकर अंजुरफाटा तक मंजूर हुआ है। अंजुर फाटा से रिंग रोड को मुंबई-अहमदाबाद मार्ग से जोड़ दिया जाएगा, ताकि शहरवासियों को यातायात जाम की कठिन समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सकेगा। नागरिकों को आस है कि पावरलूम नगरी के बाहर से रिंग रोड निर्माण होने से बाहरी क्षेत्रों से आने वाले तमाम भारी वाहन भिवंडी शहर से बाहर ही गंतव्य ठिकानों पर निकल सकेंगे।जिससे यातायात जाम की समस्या से वर्षों से जूझ रहे शहरवासियों को जाम समस्या से पूर्णतया निजात मिल जाएगी

ट्राफिक जाम की समस्या से मिलेगी मुक्ति :::

शहरवासियों का कहना है कि अंजुर फाटा में रिंग रोड निर्माण की प्रस्तावित जगह पर ही गगनचुंबी इमारत खड़ी होने से भिवंडी में रिंग रोड निर्माण खटाई में पड़ गया है। एमएमआरडीए के अधिकारियों ने भ्रष्ट तरीके से रिंग रोड निर्माण में बाधा पैदा कर भिवंडीकरों के साथ भारी अन्याय किया है। वर्षों से ट्रैफिक समस्या से जूझ रही पावर लूम नगरी को ट्राफिक समस्या का निदान मिल पाना बहुत मुश्किल है। शहरवासियों को आशा है कि रिंग रिंग रोड निर्माण को मंजूरी देने वाले जब मुख्यमंत्री हैं तो निश्चित हो इसे गति मिलेगी।लेकिन रिंग रोड के मार्ग पर मनपा व एमएमआरडीए प्रशासन द्वारा बगैर तहकीकात ही रिंग रोड भूमि के बेहद समीप बिल्डर को बहुमंजिला इमारत निर्माण की मंजूरी दिया जाना नितांत गलत और मुख्यमंत्री शिंदे के आदेश का पूर्णतया उल्लंघन और शहरवासियों के साथ विश्वासघात है। मनपा प्रशासन सूत्रों की माने तो नगर रचना विभाग द्वारा उक्त मुद्दे को पत्र लिखकर एमएमआरडीए को भेजने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला है।

● परियोजना से मनपा सीमा में 4 लाख 31 हजार 71 वर्ग मीटर क्षेत्र प्रभावित होगा। वर्तमान में टीडीआर के माध्यम से 1 लाख 16 हजार 863.11 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का अधिग्रहण किया जा चुका है। शेष 3 लाख 14 हजार 207.89 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का अधिग्रहण किया जाना बाकी है।

● रहनाल को अंजुरफाटा गांव की सीमा में शुरू करना था। क्रमांक 131/1/यू की भूमि पर प्रस्तावित आरक्षण के मालिकों ने एमएमआरडीए के माध्यम से इसे बदल दिया है और प्रस्तावित स्थल पर एक बड़ी इमारत खड़ी कर दी है। इसलिए रिंग रोड की साइट ही क्षतिग्रस्त हो गई है।भूमि अधिग्रहण के लिए 600 करोड़ रुपये का भुगतान प्रस्तावित था।लेकिन मुआवजा कम होने के कारण ग्रामीणों ने इस फैसले का विरोध किया।

रिपोर्टर

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