भिवंडी की बेटी रसिका गायकवाड़ ने एमबीए में गोल्ड मेडल जीतकर बढ़ाया शहर का गौरव

सिंहगढ़ विश्वविद्यालय से एमबीए (एचआर + मार्केटिंग) में उच्च श्रेणी में उत्तीर्ण होकर हासिल किया गोल्ड मेडल


भिवंडी। भिवंडी तालुका के गोरसई गांव की रहने वाली और वर्तमान में कोनगांव में रह रही रसिका राजेश गायकवाड़ ने अपने मेहनत और लगन से शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पुणे के प्रतिष्ठित सिंहगढ़ विश्वविद्यालय से एमबीए (एचआर + मार्केटिंग) की पढ़ाई करते हुए रसिका ने न केवल डिग्री प्राप्त की, बल्कि अंतिम परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया है। रसिका की इस उपलब्धि ने न सिर्फ उनके गांव गोरसई, बल्कि पूरे भिवंडी का नाम रोशन कर दिया है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली रसिका ने शहरी स्पर्धा में खुद को साबित करते हुए यह सिद्ध किया है कि आत्मविश्वास और परिश्रम से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। उनकी सफलता के पीछे माता-पिता का मार्गदर्शन, शिक्षकों का समर्थन और खुद रसिका की कड़ी मेहनत का अहम योगदान रहा है। भिवंडी के शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्रों में रसिका की इस सफलता की सराहना की जा रही है।भविष्य में कॉर्पोरेट क्षेत्र में उन्हें बेहतर अवसर मिलने की पूरी संभावना है। रसिका को उनकी उपलब्धि के लिए विभिन्न सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं से बधाइयाँ और शुभकामनाएँ मिल रही हैं। रसिका की यह सफलता आज की युवा पीढ़ी, खासकर ग्रामीण इलाकों की लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि जरूरत है कि ऐसी होनहार बेटियों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें और समाज को नई दिशा दे सकें।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट