
बिहार आइडिया फेस्टिवल का आयोजन हुआ
- सुनील कुमार, जिला ब्यूरो चीफ रोहतास
- Jul 24, 2025
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रोहतास।बिहार सरकार के उद्योग विभाग एवं स्टार्टअप सेल द्वारा प्रदेश में नवाचार, स्वावलंबन और उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु संचालित बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025 का जिला स्तरीय आयोजन शेरशाह इंजीनियरिंग कॉलेज, सासाराम में हुआ। यह आयोजन केवल एक विचार मंच नहीं रहा, बल्कि युवाओं, महिला समूहों, किसानों, कारीगरों और विद्यार्थियों के लिए एक ऐसा अवसर बना, जहाँ उन्होंने अपने नवाचारों को साझा किया और उन्हें स्टार्टअप के रूप में विकसित करने की दिशा में पहला ठोस कदम बढ़ाया। इस पहल का उद्देश्य बिहार के युवा-वर्ग, महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों में छिपी हुई उद्यमशीलता क्षमता को सामने लाना है। चुने गए विचारों को न केवल विशेषज्ञों से मार्गदर्शन मिलेगा, बल्कि उन्हें 10 लाख तक की ब्याज मुक्त वित्तीय सहायता, मेंटरिंग, प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं से जोड़ने का अवसर भी प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतुल कुमार, सहायक निदेशक, उद्योग विभाग बिहार सरकार रहे। उन्होंने बिहार के उभरते हुए स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रगति पर प्रकाश डाला और युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हर विचार में एक संभावित व्यवसाय छुपा होता है। जरूरत है उसे पहचान कर सही दिशा देने की। उन्होंने स्टार्टअप बिहार, बीज राशि और विभागीय मार्गदर्शन की विस्तृत जानकारी दी।
आशीष रंजन, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र रोहतास ने स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप संस्कृति के निर्माण पर बल दिया। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मेंटरशिप, इन्क्यूवेशन और वित्तीय सहायता के ज़रिए युवाओं को उद्यम की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने विशेषकर ग्रामीण और तकनीकी संस्थानों के छात्रों को इन पहलों से जुड़ने का आग्रह किया।
डॉ. मनीष कुमार, प्राचार्य, शेरशाह इंजीनियरिंग कॉलेज ने कहा कि तकनीकी संस्थानों की भूमिका अब केवल शिक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि स्टार्टअप व इनोवेशन को बढ़ावा देना भी आवश्यक है। उन्होंने कॉलेज में स्टार्टअप क्लब की स्थापना और ऐसे कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने की घोषणा की।
सुश्री श्रेष्ठा, स्टार्टअप सपोर्ट यूनिट, उद्योग विभाग ने सरकार द्वारा स्टार्टअप्स को दी जाने वाली बीज राशि योजना, मेंटरिंग, प्रशिक्षण और मार्केट एक्सेस जैसे पहलुओं पर जानकारी साझा की और बताया कि कैसे राज्य सरकार हर विचार को उड़ान देने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
विकास कुमार, प्राचार्य, राजकीय पॉलिटेकनिक कॉलेज, डेहरी ने तकनीकी शिक्षा और स्टार्टअप संस्कृति को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया,जबकि दिलीप कुमार, परियोजना प्रबंधक, उद्योग विभाग ने आयोजन के समन्वय और संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी तथा समापन सत्र में सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
नीतीश कुमार दुबे, जिला स्टार्टअप सेल कोऑर्डिनेटर द्वारा संपूर्ण कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संयोजन किया गया। फैकल्टी इंचार्ज शैलेश सौरभ और कॉलेज के अन्य सहायक प्राध्यापकों एवं छात्रों के सहयोग से कार्यक्रम को भव्य रूप में सफल बनाया गया।
इस अवसर पर आइडिया हैकथॉन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया और नवाचार से जुड़े अपने विचार प्रस्तुत किए। विचारों के मूल्यांकन के उपरांत चयनित प्रतिभागियों को स्टार्टअप रूपांतरण हेतु विभाग द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। साथ ही स्टार्टअप मास्टर क्लास में रमन कुमार, स्टार्टअप मेंटर एवं एक्सपर्ट ने विचार को स्टार्टअप में बदलने की रणनीति, मूल्य प्रस्तावना, मार्केट रिसर्च एवं एमवीपी तैयार करने पर संवादात्मक सत्र लिया।
इस आयोजन की एक विशेष बात यह रही कि इसमें 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें जीविका दीदियाँ, इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेकनिक कॉलेजों के छात्र-छात्राएँ, स्थानीय उद्यमी, फैकल्टी सदस्य, एवं ग्राम्य नवप्रवर्तनकर्ता शामिल थे। जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक की उपस्थिति तथा सहभागिता ने ग्रामीण महिला उद्यमिता की प्रतिबद्धता को मजबूत किया।
प्रतिभागियों को बिहार आइडिया फेस्टिवल की संपूर्ण रूपरेखा, पोर्टल पर विचार पंजीकरण की प्रक्रिया, चयन मानदंड, प्रशिक्षण, और 10 लाख तक की बीज राशि योजना की विस्तृत जानकारी दी गयी। साथ ही चयनित विचारों को व्यवसाय में बदलने हेतु राज्य सरकार द्वारा तकनीकी, कानूनी एवं विपणन सहायता के पहलुओं को भी समझाया गया।
कार्यक्रम के समापन में दिलीप कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि बिहार की युवा- शक्ति, विशेषकर ग्रामीण महिलाएँ एवं तकनीकी छात्र, राज्य को स्टार्टअप हब में बदलने की पूरी क्षमता रखते हैं। यह फेस्टिवल उसी दिशा में एक निर्णायक कदम है।
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