भारतमाला एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु अधिकारी दल बल के साथ सख्त

किसानों का आरोप अधिकारियों द्वारा गाली गलौज के साथ ही किया जा रहा जबर्दस्ती, तो अधिकारियों ने आरोपों का किया खंडन 

कैमूर-- जिला के चैनपुर चांद प्रखंड क्षेत्र में सोमवार को भारत माला परियोजना वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु हेतु अधिकारी दल बल के साथ दिखे सख्त, अन्नदाताओं का आरोप अधिकारियों द्वारा गाली गलौज के साथ ही किया जा रहा जबरदस्ती, तो अधिकारियों ने अन्नदाताओं के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का किया गया खंडन। आपको बताते चलें की‌ कैमूर जिला में भारतमाला परियोजना वाराणसी, रांची, कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण पांच अंचलों - चांद, चैनपुर, भभुआं, भगवानपुर और रामपुर से होकर होगा,72 मौजा की 619 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें 2948 जमीन मालिकों की भूमि शामिल है। लेकिन यह सीधे तौर पर गांवों की संख्या नहीं है, बल्कि मौजा (छोटे भू-भाग) और फिर जमीन मालिकों की संख्या है,कैमूूर जिले से 52 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे गुजरेगा।भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया जाएगा।किसानों ने कहा पिछले तीन महीनों में खाद और मेहनत कर धान की फसल लगाए पर हमारी फसल बर्बाद किया जा रहा है,विरोध करने पर किसानों को लाठी मारी गई, इतना ही नहीं संविधान की शपथ लेकर नौकरी कर रहे मोहनियां एसडीएम ने किसानों को गाली दिया और जमकर लाठियां भांजी। भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए उचित मुआवजा की मांग कर रहे किसानों ने परियोजना को रोका हुआ था। किसानों ने बाजार मूल्य से बहुत कम मुआवजा होने से मुआवजा उठाने से इंकार कर दिया। किसानों ने अधिग्रहित भूमि का कब्जा नहीं छोड़ते हुए मुआवजा लेने से साफ इंकार कर दिया। किसानों ने खेतों में धान की फसल लगा दी। पिछले महिने सिहोरा करवंदिया आदि गांवों में पीएनसी कंपनी कैमूर प्रशासन की सहयोग से भारी पुलिस बल के तैनाती में किसानों की खडी धान की फसल रौंदने का प्रयास किया गया। किसानों ने एकजुट होकर फसल रौंदने का विरोध किया। किसानों के विरोध के बाद फसल रौंदने पर रोक लगाई गई। इसके बीच में किसानों ने मंत्री जमा खान के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को पत्र देकर किसानों को उचित मुआवजा देने एवं धान की फसल रौंदने पर रोक लगाने की मांग की गई है। किसानों को मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने पर निश्चिंत थे अब धान की फसल रौंदी नहीं जाएगी। कंपनी के अधिकारियों ने कैमुर प्रशासन एवं मोहनियां एसडीएम के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के सहयोग से सुबह से ही मसोई गांव से धान रौंदना शुरू कर दिया। किसानों ने विरोध किया तो मोहनियां एसडीएम ने किसानों को गाली दी और लाठी मारी। किसानों ने भारी पुलिस बल के सामने हार मान ली। किसानों के हटते ही खेतों में लगी सैकड़ों एकड़ धान की फसल जेसीबी एवं पोकलैंड मशीन से बड़ी बेदर्दी से रौंद गई। अपनी खुन पसीने से सींचने वाले किसान अपनी मेहनत की फसल को रौंदते देखते रहे। किसानों के आंखों में आंसू था। और कैमूर प्रशासन एवं एसडीएम को अपने कार्य आगे की ओर बढ़ते देख प्रसन्नता। एसडीएम मोहनियां ने कहा हमने कोई गाली नहीं दी है ना हीं किसी किसान पर डंडा बरसाई है। उन्होंने ने कहा धान की फसल रौंदने का हमें कोई शौक नहीं है हम सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं।





रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट