ग्रामीण बैंक हाटा में तीन मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत प्रत्येक लाभुक नॉमिनी के खाता दो लाख रुपया दिया गया
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, उप संपादक बिहार
- Nov 18, 2025
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अनुमंडल संवाददाता सिगासन सिंह यादव की रिपोर्ट
भभुआं(कैमूर)-- अनुमंडल के नगर पंचायत हाटा में एक महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक पहल के तहत तीन मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना का दावा (क्लेम) प्रदान किया गया। हाटा स्थित बिहार ग्रामीण बैंक शाखा के अंतर्गत यह भुगतान पूरी पारदर्शिता के साथ लाभुक नॉमिनी के खातों में सीधे भेजा गया। इस अवसर पर बैंक शाखा प्रबंधक शैलेश कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि बैंक में तीनों मृतक खाताधारकों के बीमा क्लेम की प्रक्रिया समय पर पूरी की गई और प्रत्येक लाभार्थी को दो-दो लाख रुपये की राशि उनके बैंक खातों में उपलब्ध करा दी गई।
मृतक अफसाना खातून, पति अकरम अंसारी, निवासी ग्राम हाटा, थाना चैनपुर, रम्भा देवी, पति रामलाल राम, निवासी ग्राम औखरा, थाना चांद, दुखी देवी, पति पूर्णमासी राम, निवासी ग्राम डीह भुजैना—इन तीनों के नाम बैंक में बीमा दावा स्वीकृत हुआ। शाखा प्रबंधक श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को एक बड़ी मदद मिलती है। दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना या अकाल मृत्यु की स्थिति में यह राशि परिवार को आर्थिक संबल प्रदान करती है।
उन्होंने आगे कहा कि बैंक की ओर से समय-समय पर जनजागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने बताया कि बिहार ग्रामीण बैंक हाटा से जुड़े सभी खाताधारक अपने नजदीकी ग्राहक सेवा केंद्र (CSP) पर जाकर आसानी से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) का नवीनीकरण या नया पंजीकरण करा सकते हैं। दोनों योजनाओं का प्रीमियम बहुत ही कम है और लाभ अत्यंत महत्वपूर्ण।
शाखा प्रबंधक ने लोगों से अपील की कि वे अपने परिवार की सुरक्षा के लिए इन योजनाओं से अवश्य जुड़ें, क्योंकि अप्रत्याशित परिस्थितियों में यही बीमा राशि परिवार को बड़ी राहत प्रदान करती है। आज दिए गए क्लेम राशि के जरिए यह साबित होता है कि सरकार की ये योजनाएँ वास्तव में जरूरतमंद परिवारों तक पहुंच रही हैं और उनके लिए सहारा बन रही हैं।


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