विद्यालय की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने आए हजारों की संख्या में लोग होटलों से हुए फरार

स्थिति संदिग्ध, मौके पर जांच करने पहुंची प्रशासन दिखा विवश, सांसद सहित प्रशासन की संलिप्तता से नहीं किया जा सकता इंकार--

 

बिहार--  प्रदेश अंतर्गत कैमूर जिला के कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत विद्यालय की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने आए हजारों की संख्या में लोग होटलों से हुए फरार--

स्थिति संदिग्ध, मौके पर जांच करने पहुंची प्रशासन दिखा विवश--

सांसद सहित प्रशासन की संलिप्तता से नहीं किया जा सकता इंकार। आपको बताते चलें कि स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच विगत कुछ दिनों से थाना क्षेत्र अंतर्गत होटलों में लगातार संदिग्ध लोगों की बढ़ती उपस्थिति चिंताजनक था। गुरुवार की सुबह सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा थाना प्रशासन सहित मीडिया कर्मियों को सूचित किया गया। मौके पर पहुंचे मिडिया कर्मियों द्वारा, यह देखा गया कि होटल पूनम प्लाजा व होटल वी एस ग्रांड सहित कुछ अन्य होटलों में संदिग्ध लोग उपस्थित है--

मामले की भनक लगते ही संदिग्ध लोग पैदल व एस टी जॉन इंटरनेशनल स्कूल की गाड़ी क्रमांक बी आर 45 पी 2397--

सहित अन्य-- गाड़ियों में सवार हो गए। तब तक थाना क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत टोल फ्री नंबर 112  प्रशासन की गाड़ी से आए अधिकारी द्वारा रोक, होटल पूनम प्लाजा में उपस्थित लोगों से विवरण की मांग किया गया, जिनके द्वारा किसी भी प्रकार का पहचान पत्र वगैरह नहीं दिखाया गया-- जब दो लोगों की बैग का तलाशी लिया गया तो उनके बैग में ईसाई धर्म से संबंधित पुस्तकें बरामद हुआ। जांच प्रक्रिया प्रारंभ ही था कि इतने में प्रशासनिक अधिकारी के मना करने के बावजूद भी अन्य लोग पैदल व बस के माध्यम से फरार हो गए हो गए अधिकारी अकेला होने की वजह से विवश दिखें--

           सांसद सहित स्थानीय प्रशासन की संलिप्तता से नहीं किया जा सकता इंकार

वही होटल संचालक सूरज जैसवाल के द्वारा बताया गया--

कि एस टी जॉन इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक स्थानीय सांसद मनोज कुमार के भाई मृत्युंजय भारती द्वारा होटल बुक कराया गया था उनके द्वारा स्कूल में हो रहे कार्यक्रम का हवाला दिया गया था।

वही देखा जाए तो प्रदेश व देश सहित अन्य जगहों से आए आगंतुकों का विवरण नहीं था, और था तो भागने की वजह क्या हो सकता है।यह सोचने का विषय है की थाना प्रशासन को जब यह पता हुआ कि काफी मात्रा में संदिग्ध लोग होटल में ठहरे हुए हैं, तो सिर्फ एक अधिकारी भेजना कहां तक सही है। ऐसे स्थिति में बड़ी दूर्घटनाओं की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। मामले में वरीय पदाधिकारी कुछ भी बोलने में असमर्थ दिखें।

            जिला में पहले भी धर्म परिवर्तन करने वाले लोग गिरफ्तार हो चुके हैं

आपको बताते चलें कि देश प्रदेश सहित जिला में भी धर्म परिवर्तन का खेल जोरों पर है, विगत वर्ष सितंबर के महीने में जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र में धर्म परिवर्तन से जुड़ा मामला सामने आया था, जिसमें प्रशासन द्वारा ईसाई धर्म प्रचारकों को हिरासत में लिया गया था। भगवानपुर थाना क्षेत्र के मुंडेश्वरी धाम के पास एक किराए के मकान और दो सरकारी स्कूलों (प्राथमिक विद्यालय निविया और मध्य विद्यालय किन्नर चोला जैतपुर) में ये मामले सामने आए। आरोप था कि कुछ लोग, जिनमें ईसाई धर्म के प्रचारक शामिल थे, बिना अनुमति के स्कूलों में बच्चों के बीच धार्मिक पुस्तकें और सामग्री बांटकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रभावित कर रहे थे। मुंडेश्वरी धाम मामले में भी धर्म परिवर्तन की सूचना पर हिंदूवादी संगठन के लोगों ने दो व्यक्तियों को पकड़कर पुलिस को सौंपा था। सूचना मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुल 18 लोगों को हिरासत में लिया था, जिनमें स्थानीय लोग, वाराणसी और हैदराबाद के निवासी शामिल थे। पुलिस ने उनके तीन वाहन भी जब्त किए थे। अंततः 50000 रूपए की जुर्माना लगा भविष्य में दोबारा ऐसी गलती न करने की शर्त पर मुक्त किया गया था।

    पत्रकारों पर धमक 

अंततः देखा जाए तो स्थानीय  राजनीतिक पार्टियों व स्थानीय प्रशासन सहित दबंगों की धमक--

   लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मौन?

अगली पंक्ति में ---





रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट